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एक घंटे तक परिवार से की पूछताछ, 17 महीने घर में रखे शव का राज तलाशने पहुंचे एडीसीपी
रावतपुर के कृष्णापुरी में 17 महीने तक आयकर अधिकारी विमलेश का शव घर में रखने के पीछे की वजह जानने बुधवार को पुलिस एक बार फिर घर पहुंची। एडीसीपी पश्चिम लाखन सिंह यादव के साथ पहुंची टीम ने एक घंटे से ज्यादा परिवार वालों से पूछताछ की। इसदौरान कई बिंदुओ पर जांच के बाद पुलिस घटना के पीछे भावनात्मक जुड़ाव होना ही मान रही है। पुलिस मनोचिकित्सक से भी मदद लेगी।
रावतपुर थाना क्षेत्र के कृष्णापुरी में रहने वाले 35 वर्षीय विमलेश अहमदाबाद में आयकर विभाग में तैनात थे। पिछले साल 22 अप्रैल 2021 को कोविड के दौरान उनका निधन हो गया था। परिवार में उनके पिता राम औतार, मां रामदुलारी, पत्नी मिताली, भाई सुनील और दिनेश हैं। बीते 23 सितंबर शुक्रवार को आयकर विभाग से मिले पत्र पर सीएमओ ने टीम घर भेजी थी, जिसमें 17 माह से उनका शव घर पर रखने की जानकारी सामने आई थी। पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम चार घंटे की मशक्कत के बाद घरवालों को बेहतर उपचार की बात कहकर शव को एल एलआर अस्पताल हैलट लेकर आए थे।
कानपुर पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने घटना के बाद एडीसीपी वेस्ट लाखन सिंह यादव की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की थी। जांच कमेटी बुधवार को आयकर अफसर रहे विमलेश के घर पहुंची। एडीसीपी पश्चिम लाखन सिंह यादव ने पिता रामअवतार, पत्नी मिताली, मां रामदुलारी और दोनों भाई सुनील व दिनेश से करीब एक घंटे तक पूछताछ की। जांच के दौरान शव को सुरक्षित करने के लिए किसी भी तरह का केमिकल लगाने की पुष्टि नहीं हुई है। लाखन सिंह यादव ने बताया कि प्राथमिक जांच में यही सामने आया है कि परिजनों ने किसी साजिश के तहत शव को सुरक्षित नहीं किया था। परिजनों का भावनात्मक लगाव इतना था कि वह मृत्यु को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे।
उन्होंने बताया कि अब तक की जांच में किसी तरह का कोई अपराध सामने नहीं आया है। मनोचिकित्सक से परिवार की काउंसलिंग कराई जाएगी। जिससे परिवार के मनोस्थिति के बारे में पता चल सके। एडीसीपी ने बताया कि पत्नी ने छह महीने की छुट्टी पति विमलेश की सेवा के लिए नहीं ली थी। आयकर अफसर की मौत से पहले पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया था। इसके चलते वह छह महीने की मैटरनिटी लीव पर थी।
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar