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- पुलिस की तत्परता से...
चित्रकूट। हड़बड़ी में चलती ट्रेन से पति-पत्नी तो उतर गए पर उनके तीन मासूम ट्रेन पर ही रह गए। यात्रियों ने मानिकपुर जंक्शन पर इसकी जानकारी जीआरपी को दी। पुलिसकर्मियों ने तत्परता दिखाई और बिछड़े परिवार को मिला दिया। माता-पिता से मिलते ही बच्चे बिलखने लगे। पुलिसकर्मियों के इस काम की सबने सराहना की।
समस्तीपुर (बिहार) निवासी हशमत ने बताया कि वह प्रयागराज में सपरिवार रहकर मेहनत मजदूरी करता है। वह मंगलवार को छिवकी रेलवे स्टेशन से घर जाने के लिए पत्नी अलीमा खातून और बच्चों हसनैन, अलीसा खातून व जुबैन के साथ अहमदाबाद-बरौनी ट्रेन में बैठ गया। उसने बताया कि जब डभौरा के पहले उसे पता चला कि वे लोग गलत ट्रेन में बैठ गए हैं तो वह चलती ट्रेन से हड़बड़ी में पत्नी अलीमा के साथ डभौरा स्टेशन में उतर गया।
जल्दबाजी में तीनों बच्चे ट्रेन में ही रह गए। माता-पिता के ट्रेन से चले जाने से तीनों बच्चे रोने लगे। इसकी जानकारी यात्रियों ने मानिकपुर स्टेशन में जीआरपी को दी। इस पर पुलिसकर्मी तीनों बच्चों को ट्रेन से उतारकर थाने ले गए और प्रभारी निरीक्षक दिलीप मिश्रा को पूरा मामला बताया। उन्होंने तत्काल बच्चों के माता-पिता से डभौरा में संपर्क किया और दूसरी ट्रेन से डभौरा से बुलवाकर बच्चों को उनके सुपुर्द किया। बच्चों को पाकर माता-पिता ने जीआरपी को धन्यवाद दिया तो बच्चे मारे खुशी के रोने लगे।