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उत्तर प्रदेश
समय से उपचार व बेहतर देखभाल से कम की जा सकेगी शिशु मृत्यु दर
Shantanu Roy
21 Nov 2022 11:31 AM GMT
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बड़ी खबर
बस्ती। 'नवजात शिशु देखभाल सप्ताह' का आयोजन स्वास्थ्य विभाग की ओर से किया गया है। 21 नवम्बर तक प्रस्तावित इस कार्यक्रम के दौरान नवजात शिशु की बेहतर देखभाल कर मृत्यु दर कम करने के लिए स्वास्थ्य कर्मी लोगों को जागरूक कर रहे हैं। इसी क्रम में एनएमटीसी में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बीपीएम, बीसीपीएम, स्टॉफ नर्स और नर्स मेंटर के साथ ही जिला स्तरीय अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। एसीएमओ आरसीएच डॉ. एके गुप्ता ने बताया कि नवजात शिशु को देखभाल एवं उपचार प्रदान कर नवजात शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। नवजात शिशु मृत्यु व अर्ली न्यूनेटल मृत्यु को कम करने के लिए फैसिलिटी बेस्ड एवं कम्युनिटी बेस्ड विभिन्न कार्यक्रम संचालित किये जाते हैं।
यूनिसेफ के मंडलीय पर्यवेक्षक सुरेंद्र शुक्ला ने बताया कि एसआरएस सर्वेक्षण 2020 के अनुसार प्रदेश की नवजात शिशु मृत्यु दर 28 प्रति/1000 जीवित जन्म है, जबकि राष्ट्रीय दर 20 प्रति/1000 जीवित जन्म है। एक माह पूर्ण करने से पहले ही हर माह 1.68 लाख बच्चों की मौत हो जा रही है। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा तथा प्रसव कक्ष में नवजात शिशु की देखभाल, समय से पूर्व जन्में, कम वजन के नवजात के लिए सिक न्यूबार्न केयर यूनिट एवं एनबीएसयू की सुविधा, तथा सामुदायिक स्तर पर होम बेस्ड न्यूबार्न केयर (एचबीएनसी) कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसके तहत निरंतर शिशु मृत्यु दर को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
जिला प्रबंधक एनएचएम राकेश पांडेय ने कहा कि इस वर्ष आयोजित हो रहे सप्ताह के कार्यक्रम की थीम 'प्रत्येक नवजात शिशु को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता' है। जिला मातृ स्वास्थ्य सलाहकार राजकुमार ने कहा कि स्तनपान को बढ़ावा, कंगारू मदर केयर, बीमार नवजात की समय से पहचान व संदर्भन को बढ़ावा दिए जाने पर जोर दिया जा रहा है। इस मौके पर एसीएमओ डॉ. जय सिंह, डिप्टी सीएमओ डॉ. विमल द्विवेदी और जिला क्वालिटी सेल के डॉ. अजय कुमार प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।
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