उत्तर प्रदेश

कुत्ते - बिल्ली से लगाव के बीच अगर जरा भी हुई लापरवाही, तो गंभीर बीमारियां मानवों में पनपने की संभावना

Ritisha Jaiswal
12 July 2022 8:41 AM GMT
कुत्ते - बिल्ली से लगाव के बीच अगर जरा भी हुई लापरवाही,  तो गंभीर बीमारियां मानवों में पनपने की संभावना
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पालतू पशुओं को पालना ठीक है, लेकिन उनका टीकाकरण भी बेहद जरूरी है। कुत्ते और बिल्ली से लगाव के बीच अगर जरा भी लापरवाही हुई तो गंभीर बीमारियां मानवों में पनप सकती हैं,

पालतू पशुओं को पालना ठीक है, लेकिन उनका टीकाकरण भी बेहद जरूरी है। कुत्ते और बिल्ली से लगाव के बीच अगर जरा भी लापरवाही हुई तो गंभीर बीमारियां मानवों में पनप सकती हैं, जो जानलेवा होती है। पशुओं से मनुष्यों में 800 से अधिक गंभीर रोग होते हैं। पशु चाहे पालतू हों या छुट्टा, अगर उसके काटने, चाटने या पंजे से खरोंच लग जाता है, तो इलाज बेहद जरूरी है। इलाज में लापरवाही से जान जा सकती है।

पशु चिकित्साधिकारी डॉ. संजय कुमार ने बताया कि जूनोसिस पशुओं से मनुष्यों और मनुष्यों से पशुओं में फैलने वाली बीमारी है। यह सीधे पशु, कीट, कीड़े से मनुष्यों में पहुंचती है। लोग घरों में कुत्ता पालते हैं। अगर वह किसी संक्रमित कुत्ते के संपर्क में आए तो उसका चाटना भी जानलेवा साबित हो सकता है। इतना ही नहीं अगर कुत्ते को वैक्सीन न लगी हो तो पीड़ित की मौत तक हो सकती है। बताया कि 220 से अधिक बीमारियां ज्यादा खतरनाक हैं। ऐसी स्थिति में अगर कोई भी व्यक्ति जानवर पाल रहा है तो उसका टीकाकरण ज्यादा जरूरी है।
20 साल बाद एंटी रैबीज का दिखता है असर
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अमरेश सिंह ने बताया कि बंदर, नेवला, सियार, लोमड़ी, कुत्ता आदि के काटने के बाद एंटी रैबीज वैक्सीन हर हाल में लगवाना चाहिए। अगर कोई एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं लगवाता है तो उसका असर शरीर पर 20 साल बाद भी दिखता है। यह ज्यादा जानेलवा है। अब तक रैबीज का कोई भी इलाज नहीं मिला है। इस पर दुनिया भर में अभी भी शोध चल रहे हैं।
डॉ. संजय कुमार ने बताया कि रैबीज पागल कुत्ते के काटने से होता है। इसका लक्षण लकवा, दम घुटना, सांस में दिक्कत आदि होते हैं। इसके अलावा दुधारु पशुओं से ब्रुसेल्लोसिस, कुत्ते, बिल्ली से एंथ्रेक्स जैसी बीमारियां होती हैं। चूहे से प्लेग फैलता है। इसमें लोगों को निमोनिया तक हो जाता है। इसके अलावा चूहे से लेप्टोस्पाइरोसिस का भी खतरा है। इसमें कुछ सालों बाद लोगों को निमोनिया, गर्भपात, गठिया, लिवर की समस्या होती है। बिल्ली के काटने पर टोक्सोप्लाज्मो जैसी बीमारियां होती है। इस बीमारी में गर्भपात से लेकर मिर्गी जैसे लक्षण आते हैं।
300 से अधिक लोगों को प्रतिदिन काट रहे कुत्ते
गोरखपुर जिले में 300 से अधिक लोगों को प्रतिदिन कुत्ते काट रहे हैं। जिला अस्पताल में हर रोज एंटी रैबीज लगवाने लोग पहुंच रहे हैं। इनमें 50 मरीज ऐसे हैं, जो गंभीर श्रेणी के हैं, जिन्हें हाई डोज एंटी रैबीज इंजेक्शन बीआरडी मेडिकल कॉलेज में लगाया जाता है।


Ritisha Jaiswal

Ritisha Jaiswal

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