उत्तर प्रदेश

पत्नी की खुदकुशी में 36 साल बाद पति को जेल, देवर को भी सजा, ननद और सौतन के लिए ये फैसला

Harrison
7 July 2023 8:11 AM GMT
कानपुर में खुदकुशी के लिए प्रेरित करने में पति को सात व देवर को पांच साल की सजा सुनाई गई। दोनों पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना किया गया। 36 साल तक चले मामले में ननद व सौतन को दोषमुक्त घोषित कर बरी कर दिया गया। आरोपित सास की मौत हो गई थी। एडीजीसी अरविंद कुमार डिमरा हमीरपुर निवासी धनद त्रिपाठी ने बेटी उर्मिला देवी की शादी कछियाना निवासी सीताराम पांडेय के बेटे विष्णुकांत से 1967 में की थी। शादी के बाद उर्मिला को दहेज को लेकर प्रताड़ित किया जा रहा है। उसके साथ मारपीट की गई।
पांच साल बाद उसकी बेटी का जेवर छीन कर निकाल दिया गया। इस पर गुजारा का मुकदमा दायर किया गया। 1985 में ससुराल वालों ने लड़की को खुश रखने का आश्वासन दिया। इस पर उर्मिला ससुराल चली गई। उसके बाद भी लड़की को सताया जाता रहा। 20 नवंबर 1987 को ससुराल से उर्मिला की मौत हो जाने की सूचना आई। उर्मिला की मौत फांसी लगाने से हुई थी। पिता ने उर्मिला के पति विष्णुकांत, सास जनक दुलारी, ननद रजनी मिश्रा, देवर पाण्डेय के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। देवर पर आरोप लगा कि वह दूसरे घर में रहने के बाद भी आकर उर्मिला को प्रताड़ित करता था।
आरोप लगा था कि विष्णुकांत पांडेय ने 1980 के आसपास मुकदमेबाजी के दौरान एक और शादी कर ली थी। दूसरी पत्नी भी इस कांड में शामिल थी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने विष्णुकांत, जनक दुलारी, रजनी, आशा और श्रीकांत के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। विवेचना के दौरान सास की मौत हो गई।
दूसरी पत्नी ने कोर्ट में पेश होकर सफाई दी कि उसकी शादी उर्मिला से संतान होने से विष्णुकांत से हुई थी। उसका उर्मिला से कोई झगड़ा नहीं हुआ। एडीजीसी के मुताबिक कोर्ट ने साक्ष्य व गवाह के आधार आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में विष्णुकांत को सात साल, उसके भाई बैंक से रिटायर श्रीकांत को पांच साल की सजा सुनाई।
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