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उत्तर प्रदेश
स्वास्थ्य विभाग ने की कार्रवाई, मानक पूरे न मिलने पर तीन अल्ट्रासाउंड सेंटर सील
Admin4
13 Nov 2022 5:57 PM GMT
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बरेली। जिले में झोलाछापों का मकड़ जाल फैला हुआ है, वहीं विभागीय अफसरों से साठगांठ कर बड़ी संख्या में जिले में अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों का संचालन किया जा रहा है। जिसका खुलासा रविवार को हो गया। दो माह तक अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर को सील करने में हीलाहवाली करने वाले अफसरों को आखिरकार बैकफुट पर आना पड़ा। मामला शासन तक पहुंचा तो आनन -फानन में बहेड़ी में चेकिंग कर तीन सेंटरों को सील कर दिया गया। खास बात यह है कि तीनों सेंटरों के संचालन में अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए एडी हेल्थ ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी।
भले ही देहात के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित हो रहे हैं , लेकिन शहरी क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। कर्मचारी नगर, सुभाष नगर समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां मानकों को दरकिनार कर सेंटरों का संचालन किया जा रहा है। मामला विभागीय अधिकारियों के संज्ञान में होने के बाद भी विभाग कार्रवाई से बच रहा है।
बहेड़ी में अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर चलने की शिकायत करीब एक साल से मिल रही थी, लेकिन पीसीपीएनडीटी अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे थे। एडी हेल्थ डा. दीपक ओहरी ने ग्लोबल यूएसजी, लाइफ केयर और फोकस अल्ट्रासाउंड सेंटर सील करने के निर्देश दिए थे। नोडल अधिकारी से लेकर सीएचसी प्रभारी तक सिर्फ पत्राचार होता रहा।
जब इस बाबत शासन तक रिपोर्ट पहुंची और अधिकारी खुद कठघरे में खड़े हो गए तो अपनी गर्दन बचाने के लिए चेकिंग अभियान चलाया गया। नोडल अधिकारी डा. हरपाल सिंह, डा. रोहम की टीम ने 6 अल्ट्रासाउंड सेंटर चेक किया। इसमें ग्लोबल यूएसजी सेंटर पर पंजीकृत डाक्टर नहीं थे। उसे सील कर दिया गया है। लाइफ केयर और फोकस अल्ट्रासाउंड सेंटर का भी यही हाल रहा। दोनों जगह पंजीकृत डाक्टर नहीं मिले। उनको भी सील कर दिया गया है। टीम ने मैक्स डाइग्नोस्टिक सेंटर, दिव्या और हर्षकला यूएसजी सेंटर की भी जांच की।
बहेड़ी में छह अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच की गई और तीन सेंटरों पर खामी मिली है। तीनों को सील कर दिया गया है अब आगे की कार्रवाई की जाएगी
Admin4
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