- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- हनुमान जी महाराज सेवा...
x
लखनऊ। राजधानी के निराला नगर स्थित रामकृष्ण मठ में स्वामी विवेकानन्द की 160वीं जन्मतिथि के उपलक्ष्य में 9-दिवसीय श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया । शुक्रवार को कथा के चतुर्थ दिवस में उमा शंकर शर्मा व्यास ने बताया कि श्री हनुमान जी महाराज की सेवा अनुपम है और कहा कि श्री हनुमान जी महाराज सेवा के सर्वोच्च आदर्श हैं। उन्होंने कहा कि वानरों ने जब स्वयंम्प्रभा से कहा कि आज एक महीना होने को है पर हमें अभी तक सीता जी के दर्शन नहीं हुए, तब स्वयंम्प्रभा ने पूछा कि आप लोगों ने सीता जी को आँख खोल कर खोजा कि आँख बन्द कर वानरों ने कहा कि आँख बन्द करना क्या होता है यह एक माह से हम लोगों ने जाना ही नहीं। व्यास ने बताया कि आप लोग आँख बंद कर लीजिये।
इस एक शब्द में वस्तुत: जीवन का भौतिक तथा आध्यात्मिक तत्त्व जुड़ा हुआ है। इसका आध्यात्मिक अर्थ है कि सीता जी शांति तथा भक्ति की प्रतीक हैं। आँख खोलना पुरुषार्थ का प्रतीक हैं तथा आँख बन्द करना विश्वास का प्रतीक है। इसका अभिप्राय है कि शांति तथा भक्त्ति को केवल बाहर ही मत खोजते रहिए जरा भीतर देखिये कि वह हृदय के किस कोने में विराजमान हैं। आँख बन्द करने का व्यवहार में बड़ा सुन्दर सूत्र छिपा हुआ है। बहुधा सारी समस्यायें तभी खड़ी होती हैं। जब हम सामने वाले के कार्य तथा व्यवहार को आँख फाड़ फाड़ कर देखते हैं और उसमें कमी निकालते हैं। इसका तात्पर्य है कि सामने वाले के वह क्रिया कलाप जो हमें नापसन्द हैं, उनको अनदेखा करने की चेष्टा करनी चाहिये। व्यक्ति को दिन भर नेत्र खोल कर पुरुषार्थ करने के पश्चात भी शांति की नींद तब तक नहीं आती है जब तक वह नेत्र बन्द न कर ले।
Next Story