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बड़ी खबर
आजमगढ़। जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने बताया कि दिनांक 26 जनवरी 2023 को हमारे देश के गौरवशाली इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग और बलिदान तथा पूर्ण गणतंत्र बनने की याद दिलाने वाला 74वॉ गणतंत्र दिवस समारोह परम्परागत रूप से सादगी, परन्तु आकर्षक ढंग से मनाया जायेगा। उन्होने बताया कि कि गणतंत्र दिवस समारोह, 2023 के अवसर पर प्रातःकाल 8ः30 बजे सरकारी भवनों पर झण्डारोहण तथा अभिवादन किया जायेगा और इस अवसर पर राष्ट्रगान के साथ संविधान में उल्लिखित संकल्पों के स्मरण किया जायेगा। शिक्षण संस्थाओं में राष्ट्रध्वज प्रातः 10ः00 बजे फहराया जायेगा। इस अवसर पर राष्ट्रीय एकता, अखण्डता, धर्म-निरपेक्षता और साम्प्रदायिक सौहार्द की भावना को मजबूत बनाने पर बल दिया जायेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि समस्त शिक्षण संस्थाओं में इस अवसर पर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाये, जिनमें राष्ट्रगान जन-गण-मन का सामूहिक गायन भी सम्मिलित हो। विद्यार्थियों को संक्षेप में स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास बताया जाये और सशस्त्र सैन्यबलों के बलिदान को नमन करते हुए देशभक्तों के जीवन के प्रेरक-प्रसंगों की चर्चा की जाये, जिससे राष्ट्रीय चेतना विकसित हो। नाटक, विचार गोष्ठी तथा निबन्ध-लेखन की प्रतियोगितायें भी यथासम्भव आयोजित करायी जायें। झण्डारोहण कार्यक्रम के तुरन्त बाद पुलिस परेड की कराया जाये। परेड में जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा सैन्य बल के शहीदों की पत्नियों/अभिभावकों को भी ससम्मान आमंत्रित किया जाये।
उन्होने कहा कि दिन में शिक्षण संस्थाओं में खेलकूद, साइकिल रेस, दंगल आदि का आयोजन किया जाये। इस सम्बन्ध में खेल विभाग द्वारा जारी किये गये आदेशों के अनुसार कार्यवाही की जाये। तीसरे प्रहर में एन.सी.सी. स्काउटों और गाइड आदि का सम्मिलित रूट मार्च कराया जाये। अपराहन में किसी खुले स्थान पर आम सभा का आयोजन किया जाये, जिसमे लोगों को तिरंगे झण्डे एवं गणतंत्र दिवस के गौरवशाली इतिहास तथा उसके महत्व के बारे में बताया जाये। जनसाधारण को विशेष रूप से स्मरण कराने की चेष्टा की जाये कि हमारे अगणित देशभक्तों तथा अमर बलिदानियों के महान संघर्ष द्वारा जो स्वाधीनता हासिल की है, वह अमूल्य है और आगे उसकी रक्षा का दायित्व हमारे ऊपर और नई पीढ़ी पर है। गणतंत्र की मूल अवधारणाओं पर प्रकाश डालते हुए लोगों को प्रेरणा दी जाय कि देश व समाज का निर्माण प्रेम तथा सद्भावना, मेल-जोल एवं एक दूसरे के धर्म, जाति, विचारों व महापुरूषों का आदर करने से होता है। इस समारोह में यथासम्भव स्थानीय स्वाधीनता संग्राम सेनानियों तथा सेना अथवा पुलिस बल के शहीदों के परिवार के सदस्यों को ससम्मान आमंत्रित किया जाये। उन्होने कहा कि बढ़ते हुए प्रदूषण तथा बढ़ती जनसंख्या से हमारी विकास यात्रा प्रभावित हो रही हैं। सुखी भविष्य के लिए स्वच्छ पर्यावरण तथा सीमित परिवार की आवश्यकता को रेखांकित किया जाये। जनसाधारण को जन सभाओं तथा गोष्ठियों द्वारा यह समझाने का प्रयास किया जाये कि राजनीतिक स्वाधीनता के बाद आर्थिक स्वाधीनता तथा सामाजिक बराबरी के लिए अनेक कदम उठाने हैं। इस दिशा में शासन द्वारा किये जा रहे कार्यों के बारे में जनमानस को अवगत कराया जाये। विकास सम्बन्धी शासन की प्राथमिकताओं से जनमानस को अवगत कराते हुए उन्हें अपेक्षित योगदान के लिए प्रेरित किया जाये। साथ ही बेहतर वातावरण पैदा करके स्वच्छ प्रशासन देने के प्रयासों से आम जनता को अवगत कराया जाये।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रशासन में जन सहभागिता, जनता की समस्याओं का निराकरण, जनजातियों के विकास, पर्यावरण संतुलन, रोजगार कार्यक्रम, स्वास्थ्य सुविधा एवं सुरक्षा, उद्योगों का विकास एवं स्थापना, एक्सप्रेसवेज व सड़क निर्माण, समाज कल्याण, महिला सुरक्षा एवं सशक्तीकरण, पुलिस सुधार, शहरी विकास, खिलाड़ियों को प्रोत्साहन, शिक्षा को प्रोत्साहन, वृद्धों के कल्याण, किसानों के लिए सिंचाई हेतु मुफ्त पानी देते हुए उनकी आय दोगुनी करने तथा एक जिला-एक उत्पाद जैसे अनेक विकास परक एवं कल्याणकारी कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। इसी क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों के हित तथा राज्य के समग्र विकास के लिए संचालित महत्वपूर्ण योजनाओं एवं कार्यक्रमों के सम्बन्ध में जन सभाओं में जनसाधारण को अवगत कराया जाये। उन्होने कहा कि सार्वजनिक संस्थाओं और पंचायतों के कार्यकर्ताओं तथा जन-कल्याण का कार्य करने वाली अन्य समितियों की सहायता से साक्षरता को बढ़ावा देने तथा सामाजिक कुरीतियों को दूर कर सामाजिक सामंजस्य से ओतप्रोत जन सहभागी समाज की स्थापना के विशेष प्रयास किये गए हैं। यह देश सभी धर्मों और सम्प्रदायों में पारस्परिक विश्वास, सद्भावना एवं एकता से ही प्रगति उन्नति कर सकता है। प्रदेश में शांति एवं सद्भाव का वातारण सृजित करने के लिए इस अवसर पर जनमानस की अधिकतम जन सहभागिता सुनिश्चित की जाये और लोगों को प्रेरित तथा जागरुक भी किया जाये
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