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UP में गंगा-यमुना उफान पर, भारी बरसात से गिरा मकान तीन की मौत
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
उत्तराखंड में हो रही बारिश के बाद यूपी में गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। वाराणसी मंडल के कई जिलों में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। उत्तराखंड में तीन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
पहाड़ों पर हो रही बारिश ने कहर बरपा रखा है। उत्तराखंड में तीन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वहीं, राजधानी देहरादून में भारी बारिश के बाद एक पुराने घर की छत गिर गई। जिससे तीन लोगों की मौत हो गई। उत्तराखंड में हो रही बारिश के बाद यूपी में गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। वाराणसी मंडल के कई जिलों में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। प्रयागराज में भी गंगा-यमुना खतरे के निशान से 1.10 मीटर ऊपर हैं। बाढ़ से लोगों का हाल बेहाल है। रास्ते बंद हो गए हैं।
तीन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
देहरादून, नैनीताल और चंपावत जिलों में अगले 24 घंटे के दौरान कहीं-कहीं भारी बारिश के आसार हैं। इसके मद्देनजर मौसम विज्ञानियों ने येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक, इन जिलों के ज्यादातर इलाकों में तेज गर्जना के साथ कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है। बाकी इलाकों में तेज गर्जना के साथ तेज बौछारें पड़ सकती हैं। कुछ इलाकों में बिजली गिरने की भी आशंका है।
भारी बारिश के बाद काठ बंगला में तीन लोग मलबे में दबे
देहरादून में भारी बारिश के बाद राजपुर के कांठबंगला में एक पुराने घर की छत गिरने से उसमें तीन लोग दब गए। तीनों के शव निकाल लिए गए हैं। आपदा कंट्रोल रूम में मिली जानकारी के अनुसार राजपुर क्षेत्र काठ बंगला बस्ती आवास ढहने से कुछ लोगों की मलबे में दबने की घटना होने पर जिलाधिकारी सोनिका ने घटनास्थल पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लेने पहुंची।
गंगा की उफनाई लहरों ने अस्सी घाट को डूबोया
गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। रविवार को वाराणसी में गंगा की उफनाई लहरों ने अस्सी घाट को पूरी तरह डूबो दिया है। अस्सी से नगवां वाली सड़क पर नावें चल रही हैं। मिर्जापुर में गंगा लाल निशान पार कर गई तो बलिया में खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही है। भदोही में भी जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 मीटर से 61 सेंटीमीटर ऊपर 71.87 मीटर तक पहुंच गया है। एक सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से पानी बढ़ रहा है। जिला प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है।
मिर्जापुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
मिर्जापुर में गंगा का जलस्तर खतरे का निशान 77.724 पार कर 77.92 मीटर पर पहुंच गया है। प्रति घंटे 1.5 सेंटीमीटर की रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि जारी रही। कछवा से जिला मुख्यालय आने वाले मुख्य मार्ग जौसरा पर बाढ़ का पानी आ जाने से आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है। अभी संपर्क मार्ग से आवाजाही हो रही है। यही स्थिति रही तो भटौली पुल से आवागमन पूर्ण रूप से बंद हो जाएगा।
बलिया में बढ़ रहा गंगा का जलस्तर
बलिया में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। बाढ़ का पानी अब करीब एक दर्जन गांव में प्रवेश कर चुका है। कुल 50000 की आबादी प्रभावित होती दिख रही है। केंद्रीय जल आयोग गायघाट के अनुसार गंगा का जलस्तर रविवार की शाम चार बजे 59.450 मीटर दर्ज किया गया। यहां खतरा बिंदु 57.615 मीटर है। गंगा उच्चतम बाढ़ बिंदु 60.390 से 94 सेमी नीचे बह रही है। प्रति घंटा एक सेमी का बढ़ाव बना हुआ है। अगले तीन दिन का समय काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। धौरपुर बैराज से छोड़ा गया 25 लाख क्यूसेक पानी 31 अगस्त तक जनपद में पहुंचने की बात कही गई है।
गाजीपुर में बंधवा इलाके में पानी घुसा
गाजीपुर में गंगा के उफान से ग्रामीण क्षेत्रों के साथ अब शहरी इलाकों में भी परेशानी बढ़ने लगी है। अब शहर में बंधवा इलाके में पानी घुस गया है। कलेक्टर घाट, ददरीघाट, नवांपुरा घाट की सीढ़ियां भी डूब गई हैं। रेवतीपुर ब्लॉक के आठ मार्ग पूरी तरह बंद होने से एक दर्जन गांवों में आवागमन बंद हो गया है। जलस्तर में एक से दो सेमी प्रतिघंटे की बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है।
चंदौली में पानी खतरे के निशान 71.26 मीटर से 62 सेंटीमीटर ऊपर
चंदौली में तीन सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। पानी खतरे के निशान 71.26 मीटर से 62 सेंटीमीटर ऊपर है। पड़ाव क्षेत्र के रतनपुर, बहादुरपुर, चौरहट, मढ़िया गांव के सैकड़ों मकान गंगा में डूब चुके हैं।
भदोही में जलस्तर 80.500 मीटर तक पहुंचा
भदोही में रविवार को ढाई सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा था। शाम तक जलस्तर 80.500 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान से सिर्फ 70 सेमी नीचे है। तटवर्ती कई गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। गोपीगंज के रामपुर घाट से 75 महिलाओं और बच्चों को राहत शिविर में भेजा गया।
प्रयागराज में गंगा-यमुना खतरे के निशान से 1.10 मीटर ऊपर
प्रयागराज में रौद्र रूप धारण कर चुकी गंगा-यमुना रविवार की रात खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बहने लगीं। गंगा केतटवर्ती मंदिरों, मार्गों और भवनों के ऊपर से गंगा बह रही है। बड़े हनुमान मंदिर का परिसर पूरी तरह जलमग्न हो गया है। अब हनुमान मंदिर की सिर्फ पताका ही नजर आ रही है। गंगा-यमुना के कछार में अब तक करीब पांच लाख से परिवार बाढ़ की चपेट में आ चुकेहैं। बाढ़ से घिरे घरों को छोड़कर राहत शिविरों में या फिर रिश्तेदारों के यहां शरण लेने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। गंगा-यमुना की बाढ़ की वजह से हर तरफ जलाप्लावन की स्थिति बन गई है। रविवार को गऊघाट इलाके में भी कई मकानों की पहली मंजिल डूब गई। कहीं टीवी के सिर्फ एंटीना नजर आ रहे हैं तो कहीं छतों पर गृहस्थी बचाने की जद्दोजहद में जुटे लोग। दो दर्जन से अधिक कॉलोनियां जहां जलमग्न हो गई हैं।
पांच लाख से अधिक लोग बाढ़ से घिरे
वहीं, सैकड़ों परिवारों ने राहत शिविरों में शरण ले ली है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष की ओर से रात आठ बजे जारी बुलेटिन के मुताबिक गंगा-यमुना एक-एक सेंमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रही हैं। इस अवधि तक फाफामऊ में गंगा 85.83 मीटर और नैनी में यमुना भी 85.83 मीटर पर बहती रहीं। इन स्थानों पर खतरे के निशान 84.73 मीटर से 1.10 मीटर ऊपर बह रही हैं। हालांकि यमुना की सहायक नदियों केन ,बेतवा और चंबल के जलस्तर में कमी दर्ज की जा रही है।