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सॉल्वर गैंग के चार सदस्य गिरफ्तार एक लाख रुपए में लिया था ठेका
झांसी। सोमवार और मंगलवार को जनपद के विभिन्न 40 स्कूल-कॉलेजों में आयोजित की गई। ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण की परीक्षा में परीक्षार्थियों की जगह सॉल्वर गैंग द्वारा फर्जी प्रपत्रों पर परीक्षा दी जा रही थी। जिन्हें जनपद के सिटी सर्किल के अलग-अलग थानों की पुलिस ने दबोच लिया। पुलिस ने सभी सॉल्वर गैंग के चार सदस्यों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर उन्हे जेल भेज दिया है। बताया गया कि यह सॉल्वर गैंग के सदस्य एक परीक्षा पास कराने का एक लाख रुपए में ठेका लेते थे।
बुधवार को पुलिस लाइन में आयोजित पत्रकार वार्ता में पुलिस अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि 26 और 27 जून को प्रदेश भर के कई जिलों में आयोजित ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षण की परीक्षा आयोजित की गई थी। इसी क्रम में जनपद झांसी के विभिन्न स्कूल-कॉलेजों में भी परीक्षा आयोजित की गई थी। इस दौरान प्रदेश सरकार के निर्देशन पर परीक्षा को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण कराए जाने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए गए थे। परीक्षा के दिन जिलाधिकारी रविंद्र कुमार के निर्देश पर जनपद की पुलिस ओर प्रशासनिक अधिकारी लगातार सॉल्वर गैंग पर निगाहे बनाए हुए थे।
इसी क्रम में कोतवाली क्षेत्र के लक्ष्मी गेट बाहर स्थित कुलदीप सरस्वती इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य कुलदीप सिंह दांगी की सूचना पर अलवर बिहार निवासी गुंजन कुमार, कानपुर के भोगनी पुर निवासी जयदीप सिंह के खिलाफ किसी ओर के स्थान पर परीक्षा देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर देर शाम गिरफ्तार कर लिया। वहीं दूसरी पाली में बायोमेट्रिक हाजिरी फेस सत्यापन के दौरान पंजीकृत नाम नीरज कुमार हमीपुर को बायोमेट्रिक मिलान न होने पर संदिग्धता पर हिरासत में लिया गया। कड़़ाई से पूछताछ करने पर अपना नाम गोरखपुर के आदर्श श्रीवास्तव सही नाम नितिन कुमार गोयल निवासी पिलकुवा गोरखपुर बताया। पुलिस ने एसबी इंटर कॉलेज के केंद्र व्यवस्थापक की तहरीर पर प्रेमनगर थाना पुलिस ने आरोपीयों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। वहीं ज्ञानस्थली पब्लिक स्कूल में आयोजित परीक्षा के दौरान आशुतोष निवासी नालंदा बिहार को फर्जी तरीके से परीक्षा देते हुए पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने इनके कब्जे से बायोमेट्रिक प्रवेश पत्र,असली आधार कार्ड, एक कार, मोबाइल फोन आदि इलेक्ट्रोनिक परीक्षा में उपयोग होने वाली वस्तु, फर्जी अंक तालिका, फर्जी परीक्षा सीट आदि बरामद कर ली है। पुलिस टीम ने सभी के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर सभी को जेल भेज दिया।