उत्तर प्रदेश

बाघ और बाघिन के आतंक के सामने वन विभाग बेबस, कड़ी मशक्कत के बाद बाघ पिंजरे में कैद

HARRY
29 Jun 2022 2:33 AM GMT
बाघ और बाघिन के आतंक के सामने वन विभाग बेबस, कड़ी मशक्कत के बाद बाघ पिंजरे में कैद
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बहराइचः उत्तर प्रदेश के बहराइच में नरभक्षी बाघ ने आतंक मचाया था, जिसके बाद वन विभाग और पुलिस की टीम ने कई दिनों के कॉम्बिंग ऑपरेशन के बाद उसे पिंजरे में कैद कर लिया. जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली. अब वन विभाग की टीम बाघिन की तलाश में जुटी हुई है. जानकारी के मुताबिक, इस आदमखोर बाघ ने अब तक 15 ग्रामीणों को अपना निशाना बनाया है. पूरा मामला बहराइच के कतर्नियाघाट का है.

कड़ी मशक्कत के बाद बाघ पिंजरे में कैद
आपको बता दें कि कतर्नियाघाट रेज के मझरा बीट व नार्थ खीरी में बाघ के जोड़े का आतंक छाया हुआ था. नर बाघ पिंजरे में कैद किया जा चुका है, बाघिन की तलाश की जा रही है. बाघ को पकड़ने के लिए हथिनी डायना, गंगाकली के अलावा चार टीम लगी हुई थी. मुख्य वन संरक्षक स्वयं बाघ और बाघिन के विचरण पर नजर रख रहे थे.
बाघ और बाघिन के आतंक के सामने वन विभाग भी था बेबस
बता दें कि कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग की सीमा से सटे मझरा बीट में लगभग 15 दिन से बाघ लोगों को अपना निशाना बना रहा था. जानकारी के मुताबिक, बीते सोमवार को भी आदमखोर बाघ एक महिला को मारकर खा गया. वहीं, बाघ द्वारा निशाना बनाए गए अन्य लोगों में दो बहराइच और तीन लोग लखीमपुर जनपद के शामिल हैं. बाघ और बाघिन के आतंक के सामने काफी दिनों से वन विभाग बेबस नजर आ रहा था, लेकिन अब काफी दिनों बाद वन विभाग को कामयाबी मिली है.
इस मामले में फील्ड डायरेक्टर ने दी जानकारी
मुख्य वन संरक्षक कमलेश कुमार ने फील्ड डायरेक्टर को बाघ को पकड़ने के निर्देश दिए थे. फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया, "बाघ को पकड़ने के लिए कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग से हथिनी जयमाला, चंपाकली, डायना और गंगाकली को बाघ को पकड़ने के लिए लगाया गया. साथ ही दो स्थान पर पिंजड़ा लगाकर उसमें बकरी को बांध दिया गया था. सोमवार देर रात पिंजरे में बाघ कैद हो गया".
पशु चिकित्सक की टीम ने किया बाघ का स्वास्थ्य परीक्षण
सुबह सूचना मिलने पर दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक, डीएफओ आकाशदीप वधावन, वन क्षेत्राधिकारी रामकुमार, रेंजर निघासन विमलेश कुमार समेत अन्य लोग पहुंचे. बाघ को कतर्नियाघाट रेंज कार्यालय लाया गया. फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि डब्लूडब्लूएफ, डब्लूटीआई और पशु चिकित्सक की टीम ने बाघ का स्वास्थ्य परीक्षण किया. फील्ड डायरेक्टर के मुताबिक, बाघ को लखनऊ चिड़ियाघर छोड़ा जाएगा.
उन्होंने बताया कि रात में बाघिन भी पिंजड़े के निकट आई थी, लेकिन वह कैद नहीं हुई. उसके चित्र थर्मो सेंसर कैमरे में कैद हुए हैं. संजय पाठक ने बताया कि बाघ पूरी तरह से स्वस्थ है, लेकिन उम्र अधिक हो गई है. इसे देखते हुए अधिकारियों ने उसे लखनऊ चिड़ियाघर में रखने का फैसला लिया है. उन्होंने बताया कि अब तक बाघ के हमले में 15 लोग शिकार हुए हैं. एक नर बाघ को पिंजरे में कैद कर लिया गया है, जबकि बाघिन की तलाश कर कैद करने का प्रयास किया जा रहा है.
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