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उत्तर प्रदेश
कोरोना के कहर के बीच गाजियबाद में मिला ब्लैक और व्हाइट फंगस का पहला केस
Shantanu Roy
31 Dec 2022 10:26 AM GMT
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बड़ी खबर
गाजियाबाद। जिले में एक 55 वर्षीय महिला के नाक में ब्लैक और व्हाइट दोनों फंगस मिलने से हड़कंप मच गया है। यह महिला डायबिटीज है और बुखार आने के बाद यह डॉक्टर के पास गई थी। उसी दौरान इनको साइनस की बीमारी का भी पता चला और साइनस के इलाज के दौरान डॉक्टर ने साइनस का सैंपल गौतमबुद्धनगर की एक प्राइवेट पैथोलॉजी लैब में भेजा तो वहां इनको दोनों फंगस की पुष्टि हुई है। इस बारे में डॉक्टरों का कहना है कि इसका इलाज बेहद महंगा है। इस दोनों बीमारी में 60 हजार रुपए के 1 दिन में इंजेक्शन लगते हैं। जो 21 दिन तक लगते हैं इसके अलावा अस्पताल का खर्चा अलग होता है। इस महिला का इलाज कर रहे ईएनटी डॉक्टर बीपीएस त्यागी का कहना है कि इस महिला को बुखार की शिकायत थी और यह इनके पास आई थी। इस महिला ने कोविड का टेस्ट नहीं करवाया था। साथ ही जब यह महिला इनके पास आई तो इनको साइनस की बीमारी भी दिखाई दी। साइनस भी नाक की बीमारी होती है।
डॉक्टर त्यागी का कहना है कि उसके बाद इन स्लाइड में दिख रहे सैंपल उन्होंने पैथोलॉजी लैब में जांच के लिए भेजें। पैथोलॉजी लैब में यह सैंपल 24 तारीख को भेजे गए थे और 27 तारीख में यह रिपोर्ट आई जिसमें पता चला कि इस महिला को ब्लैक और व्हाइट दोनों फंगस मिले हैं। डॉक्टर के मुताबिक नोर्मल आंख से इन फंगस का पता करना नामुनकिन है। इसके लिए नाक की एंडोस्कोपी की जाती है। जिसके बाद इसका पता चलता है। शक होने पर सैंपल पैथोलॉजी लैब भेजा जाता है। जिसकी रिपोर्ट के बाद पता चल पाता है कि मरीज को क्या बीमारी है। वही डॉक्टर का कहना है कि जिस मरीज को भी ब्लैक और व्हाइट फंगस मिलता है उसका इलाज बेहद महंगा हो जाता है। उनके मुताबिक इन दोनों बीमारी में जो 2 इंजेक्शन लगते हैं उनकी कीमत 1 दिन की 60 हजार रुपए है। ये दोनों इंजेक्शन 21 दिन कम से लगते हैं। इसके अलावा अस्पताल का खर्चा अलग होता है। इस बारे में डॉक्टर ने सरकार से गुजारिश की है कि इन दोनों बीमारी के इंजेक्शन से गरीब लोगों को छूट दी जाए।
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