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उत्तर प्रदेश
महिला सिपाही राधा धुरिया के परिजनों ने दिया बड़ा बयान, भाई बोला- आत्मदाह कर लूंगा
Shantanu Roy
26 Dec 2022 3:37 PM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आज तक
बड़ी खबर
हमीरपुर। यूपी के हमीरपुर जिले की रहने वाली यूपी पुलिस की महिला सिपाही राधा पिछले 22 साल से लापता है. पुलिस की वर्दी पहने राधा ऑन ड्यूटी ही लापता हो गई थी. तब से उसका कोई सुराग नहीं है. बीते 22 सालों से उसका भाई राधा की तलाश के संबंध में अब तक 22 हजार आवेदन दे चुका है. फिर भी पुलिस राधा का सुराग नहीं लगा पाई है. राधा की तलाश के दौरान उसके भाई का एक्सीडेंट हो गया था. तब से वह दिव्यांग हो गया है. अब उसने कहा है कि यदि मेरी बहन को नहीं ढूंढा गया, तो मुख्यमंत्री आवास में आत्मदाह कर लेगा. हमीरपुर के रहुनियां धर्मशाला मोहल्ला की रहने वाली राधा धुरिया झांसी के नवाबाद थाना में कांस्टेबल पद पर तैनात थी. 26 जनवरी 2000 को वह समन तामील कराने जालौन जिले के डकोर गांव के लिए निकली थी. इन दौरान वह वर्दी में थी. समन कराने गई राधा उस दिन के बाद से लापता है. राधा के दिव्यांग भाई दुर्गा का कहना है कि बीते 22 साल से बहन की तलाश कर रहा हूं.
शासन, प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों को बहन राधा की गुमशुदगी के संबंध में 22 हजार से ज्यादा आवेदन पत्र दे चुका हूं. मगर, अब तक उसका कुछ पता नहीं चल सका है. अधिकारी कहते हैं कि राधा समन तामीली के लिए इलाहाबाद गई थी. मगर, कोई भी सही जानकारी नहीं दे रहा है. दुर्गा का कहना है कि वह झांसी के पुलिस विभाग को बहन राधा के संबध में प्रार्थना पत्र देकर उसे खोजने की फरियाद करता चला आ रहा है. बहन के लापता होने के गम में मेरे माता-पिता भी गुजर चुके हैं. राधा के भाई दुर्गा का कहना है कि बहन की तलाश में उसका घर तक बिक गया है. कुछ साल पहले वह दुर्घटना का शिकार हो गया था, जिसके चलते दिव्यांग तक हो गया. बेघर होने के बाद भी बहन की तलाश के लिए अधिकारियों के दरवाजे खटखटाता घूम रहा हूं. दुर्गा का आरोप है कि बहन के बारे में जब भी जानकारी लेने झांसी जाता हूं, तो अधिकारी गुमराह कर वापस कर देते हैं. अब 26 जनवरी को मैं अपने परिवार के साथ मिलकर मुख्यमंत्री आवास में आत्मदाह करूंगा. भाई दुर्गा का कहना है कि बहन के गुमशुदा होने के बाद न तो पुलिस उसे बीते 22 साल में ढूंढ पाई है और न ही कोई ठोस जबाव दे सकी है. इसके अलावा यदि मेरी बहन के साथ कुछ गलत हो गया है, तो मुझे अनुकंपा नौकरी भी नहीं दी गई. न ही बहन के फंड के रुपए मिले हैं.
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