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उत्तर प्रदेश
चरथावल में सूदखोरों के आतंक से बर्बाद हो रहे परिवार, बेतहाशा ब्याज से लोग परेशान, प्रशासन मौन
Admin4
27 Oct 2022 11:07 AM GMT
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चरथावल। नगर में नए-नए सूदखोरों के आतंक से कई परिवार बर्बादी के कगार पर पहुँच गए है। हालत यह है कि नगर की गली गली में नए नए सूदखोर पैदा हो रहे है। जिन्होंने एक स्केंडल चला रखा है और इनके सूद प्रतिशत की कोई सीमा नही है, यह नए-नए सूदखोर दस प्रतिशत से लेकर तीस प्रतिशत तक का सूद ले रहे है और इनके आतंक से कई परिवार बर्बादी की कगार पर पहुंच गए है। इन सूदखोरों का यह गोरखधंधा क्षेत्र में भली-भांति फूल रहा है और यह सूदखोर अधिकतर युवा पीढ़ी के नौजवानों को अपने जाल में फंसा लेते है और उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर इन्हें पैसे दे देते है और फिर उसके बाद यह सूदखोर जिन्हें पैसे देते है उनसे दस से लेकर तीस प्रतिशत तक का सूद वसूलते है तथा इन सूदखोरों के कारण क्षेत्र में कई परिवार बर्बादी के कगार पर पहुंच गए है तथा यह सूदखोर नए-नए व्यक्तियों को अपने जाल में फंसा लेते है और फिर इनका जमकर उत्पीडऩ करते है तथा इनका जमकर खून चूसते है।
इन सूदखोरों को इतनी हिम्मत कौन देता है यह तो सूदखोर ही जान सकते है, लेकिन इन सूदखोरों के लिए कोई नियम कानून मायने नही रखता है और न ही इन्हें किसी कानून का कोई डर है। योगीराज में जब बड़े-बड़े अपराधी अपराध से तौबा कर रहे है फिर भी इन सूदखोरों को यह लुटाई करने का अधिकार कौन देता है। पिछले दिनों जहां जिले के आलाधिकारी द्वारा इन अवैध सूदखोरों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की गई थी और जिन सूदखोरों के पास लाइसेंस था, उनकी लिस्ट बनवाई गई थी, लेकिन फिर कुछ दिनों के बाद यह सूदखोरों फिर से सक्रिय हो गए और अपने गोरखधंधे को फिर से अंजाम देने में जुट गए है और जमकर लोगों से वसूली कर रहे है और वाहन तक छीनने की धमकी देकर यह सूदखोर लोगों से अपना पैसा वसूलते है। क्या योगीराज में भी इनके लिए कोई कानून मायने नहीं रखता। यह तो सूदखोर ही जान सकते है, लेकिन यह बात साफ हो चली है कि इस गोरखधंधे को प्रशासन भी आंखे मूंदकर मूकदर्शक बने देख रहा है। कारण चाहे जो भी, लेकिन यह बात साफ हो चली है कि इन सूदखोरों की जड़े बड़ी मजबूत है क्योंकि ना तो इनके पास कोई लाइसेंस है और न ही इनकी सूद लेने की दर की कोई सीमा है और यह क्षेत्रवासियों से मनचाहा ब्याज वसूल कर रहे है। कुछ दबंग और गुंडा तत्व इस गोरखधंधे से फर्श से अर्श पर पहुंच चुके है और जहां चरथावल में एक या दो व्यक्तियों के पास ही सूद का लाइसेंस है, वही हजारों की तादाद से भी ज्यादा लोग इस गोरखधंधे को कर रहे है और यह धंधा इन लोगों को बहुत रास आ रहा है, क्योंकि इस धंधे में बहुत ही जल्द यह दबंग व्यक्ति अमीर हो जाते है और कई लोग तो इनके आतंक के कारण अपना मकान तक बेच चुके है। क्या योगीराज में भी इन पर सूदखोरों पर लगाम नहीं लगेगी यह हो आने वाला वक्त ही बतायेगा, लेकिन फिलहाल यह बात साफ हो चली है, इन सूदखोरों की जमकर चांदी कट रही है और इन्हें किसी कानून या प्रशासन का कोई डर नही है। यह खुलेआम अपने इस कार्य को अंजाम दे रहे है।
Admin4
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