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- हर आंख थी नम, शोक में...
शहर के मोहल्ला चौक निवासी सराफा व्यापारी राजीव खन्ना के बेटे ऋषभ खन्ना की मौत ने हर एक शख्स को अंदर तक हिला दिया जो इस परिवार को जानता था। घटना के दूसरे दिन गर्रा मोक्षधाम पर ऋषभ के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। शोक में चौक का पूरा बाजार बंद रहा। घर से अर्थी उठी हर किसी की आंख भर आई। मां काजल को तो संभालना मुश्किल हो गया।
बरेली में पोस्टमार्टम के बाद देर रात ऋषभ का शव घर पहुंचा तो उनके घर पर शोक जताने वालों की भीड़ लगी थी। पूरी रात शव के पास बैठे परिजन विलाप करते रहे, नाते-रिश्तेदार और मोहल्ले के लोग ढांढ़स बंधाते रहे, लेकिन पिता राजीव खन्ना, मां काजल, बिन रिचा को संभालना मुश्किल हो रहा था। परिवार के लोग कभी बेटे ऋषभ का एक पल चेहरा निहारते तो कभी फफक-फफक कर रो पड़ते।
चौक में शोक का माहौल इस कदर था कि किसी ने भी अपनी दुकानें नहीं खोली, बस राजीव खन्ना के शोकाकुल परिवार के साथ गम में डुबे नजर आ रहे थे। शनिवार सुबह घर से ऋषभ की अर्थी उठी तो परिजनों को बिलखता देख लोगों की आंखें भर आईं। तमाम व्यापारी नेता, सामाजिक संगठन, राजनीतिक दलों के लोग भी ऋषभ की शव यात्रा में शामिल होने को पहुंचे थे।
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के भतीजे चंद्रशेखर खन्ना उर्फ धीरू तो घटना के बाद से ही परिवार के साथ लगे रहे और हर संभव मदद के साथ परिवार को ढांढ़स बंधाते रहे। डीसीबी चेयरमैन डीपीएस राठौर अपनी पत्नी सोनिया राठौर के साथ शोक जताने पहुंचे।
भाजपा महिला मंडल की महिलाएं और सपा से जुड़ी महिलाएं भी शोकाकुल परिवार को ढांढ़स बंधा रहीं थीं। पर परिवार के लोगों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। ऋषभ के शव का गर्रा मोक्षधाम पर लगभग 11 बजे अंतिम संस्कार कर दिया गया। मुखाग्नि पिता राजीव खन्ना ने दी।