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साथ कूदकर डूब मरने में भी की दगाबाजी तो माशूका ने गद्दार मजनू पे मुकदमा ठोंका
प्यार अगर पाक-दामन है तो वो त्याग, समर्पण, बलिदान मांगता है न कि "बलि". शीरीं फरहाद से लेकर लैला-मजनू तक के किस्से उठाकर देख पढ़ लीजिए. हर सच्चे प्यार की इबारत के बीच त्याग, समर्पण, बलिदान की कहानियां ही सब जगह भरे मिलेंगे. अमृता प्रीतम और साहिर लुधियानवी का प्यार तो इससे भी कई कदम आगे निकल गया था. वे न कभी करीब आ सके न दूर हो सके. आज दोनों ही दुनिया में मौजूद नहीं हैं. फिर भी आज उन दोनों से ज्यादा दुनिया उनके अटूट प्रेम की ही मिसालें देती है. लेकिन यहां जिक्र करते हैं एक ऐसी अधूरी प्रेम कहानी की जो जुड़ी है यूपी के प्रयागराज से. जिसमें प्रेमी-प्रेमिका को प्यार तो मिल न सका. प्रेमी संग कूदकर डूब मरने को पहुंची प्रेमिका के इशारे पर जब प्रेमी ने छलांग नहीं लगाई, तो फिर प्रेमिका ने खुद को भी तैर कर जिंदा बचा लिया और पहुंच गई सीधे थाने. ठोंक दिया प्रेमी के खिलाफ प्यार में गद्दारी करने का मुकदमा.
असल में इस अजब प्रेम की गजब कहानी के दोनों पात्र आपस में कोई किसी से कम नहीं है. बस जब जिसका मौका उसी ने दूसरे पर सवारी गांठ ली. इस बार दोनों ने तय किया कि किसी जगह पर कूदकर मर-मिटते हैं. दोनों की सहमति बनी तो वे कूदकर मरने को पहुंच गए प्रयागराज स्थित नैनी पुल के ऊपर. जहां से उन दोनों को तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक छलांग मार कर मर जाना था. पहले से ही मरने के लिए बेताब प्रेमिका ने तो तैश में आकर छलांग लगा दी. इस उम्मीद में कि उसके साथ प्रेमी भी छलांग लगाकर डूब मरेगा. हुआ मगर इसके उलट. जब प्रेमिका गंगा में डूबकर मरने को कूद चुकी तो भी प्रेमी पुल के ऊपर ही खड़ा रहा. चंद सेकंड में प्रेमिका समझ गई कि प्रेमी गद्दार निकल गया है. उसने प्रेमिका को तो मर जाने के लिए कूदने दिया, लेकिन प्रेमी के दिल में बेईमानी आ चुकी है और वह जानबूझकर गंगा में डूब मरने को नहीं कूदा है.
बस फिर क्या था, गंगा नदी के बीचों-बीच गहरे पानी में जिंदगी मौत से जूझ रही प्रेमिका ने भी इरादा बदल दिया. लिहाजा उसने पुल के ऊपर जिंदा खड़े बचे प्रेमी को सबक सिखाने की ठान ली और बजाय डूबकर मरने के उसने खुद को बचाने की कोशिशें तेज कर दीं. चंद मिनट की कोशिशों के बाद जैसे तैसे प्रेमिका गंगा की गहरी धार से किसी तरह खुद को जिंदा बचाकर किनारे पर ले आई. प्रेमिका जब तक गद्दार प्रेमी को तलाशने पुल के ऊपर पहुंची तब तक वो वहां से फरार हो चुका था. लिहाजा बौखलाई प्रेमिका ने उसको सबक सिखाने के सीधे थाने का रुख किया, वहां जाकर लड़की ने प्रेमी के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवा डाली. यह अलग बात है कि इस मामले में प्रेमिका के खिलाफ भी पुलिस मुकदमा दर्ज करके पड़ताल शुरू करने की सोच रही है. पुलिस का मानना है कि लड़की ने खुद भी एक गलत कृत्य (आत्महत्या की कोशिश) को अंजाम दिया है. साथ ही वो किसी और के लिए भी सुसाइड करने के लिए उकसा रही थी.
मतलब साफ है कि अगर प्रयागराज पुलिस और कानून की किताबों पर नजर डालें तो प्रेमिका भी इतनी आसानी से खुद की जान बचानकर सिर्फ प्रेमी को ही आसानी से नहीं फंसवा कर फुर्सत पा लेगी. उसके खिलाफ भी आत्महत्या की कोशिश करने और आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा तो दर्ज किया ही जा सकता है. जहां बात प्रेमी की है कि उसने लड़की के साथ गद्दारी की तो, उस पर प्यार का झांसा देकर किसी विवाहिता को धोखा देने का मुकदमा तो दर्ज हो सकता है. ऐसे करने से पहले मगर पुलिस जांच में यह भी देखा जाना तय है कि गंगा में कूदकर मरने की नाकाम कोशिश करने वाली महिला 32 साल की बाल-बच्चेदार औरत है. जबकि वो जिस शख्स से प्यार करती है वो भी 30 साल का है. प्रेमिका ने प्रेमी की शादी की खबर सुनते ही अपनी जान देने की कोशिश जैसा नामक और घातक कदम उठाया था, जोकि किसी भी रूप में सही नहीं कहा जा सकता है. थाने चौकी में कुछ हो न हो. इस मामले की चर्चा प्रयागराज और आसपास के जिलों में खूब हो रही है.