उत्तर प्रदेश

बिजली कंपनियों ने नहीं लौटाई कनेक्शन के लिए वसूली गई ज्यादा रकम

HARRY
22 Oct 2022 7:06 AM GMT
बिजली कंपनियों ने नहीं लौटाई कनेक्शन के लिए वसूली गई ज्यादा रकम
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राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वसूली गई रकम वापस न करने के लिए एक नवंबर को सभी कंपनियों के एमडी को तलब किया है। पावर कार्पोरेशन ने बताया कि वसूले गए 2.27 करोड़ में से सिर्फ 9 हजार वापस किए गए हैं।

राज्य विद्युत नियामक आयोग के आदेश के बाद भी बिजली कंपनियों ने कनेक्शन के लिए उपभोक्ताओं से कॉस्ट डाटा बुक में तय रेट से ज्यादा वसूली रकम नहीं लौटाई। पावर कॉर्पोरेशन ने आयोग को बताया कि उपभोक्ताओं से 2.27 करोड़ रुपये ज्यादा वसूले गए हैं और सिर्फ नौ हजार रुपये वापस किए गए हैं। इस पर आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को एक नवंबर को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।

पावर कॉर्पोरेशन की तरफ से निदेशक वितरण कमलेश बहादुर सिंह ने आयोग के समक्ष उपस्थित होकर लिखित जवाब दाखिल किया। इसमें उन्होंने बताया कि पूर्वांचल में 25.26 लाख रुपये, मध्यांचल में 2.01 करोड़ से ज्यादा और केस्को में 60 हजार की अधिक वसूली हुई है। दक्षिणांचल व पश्चिमांचल में ज्यादा वसूली नहीं हुई है। पूर्वांचल वितरण निगम के प्रबंध निदेशक ने बताया कि लापरवाही बरतने वाले 22 अवर अभियंताओं, 15 उपखंड अधिकारियों तथा 9 अधिशासी अभियंताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।

इन जवाबों से असंतुष्ट नियामक आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह ने कहा कि इस तरह की हीलाहवाली और गलतबयानी नहीं चलेगी। सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशक एक नवंबर को आयोग में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर ज्यादा वसूली का पूरा ब्योरा देते हुए शपथ पत्र दें। उन्होंने कहा कि जरूरत पर आयोग कमेटी बनाकर पूरे मामले की सत्यता जांच सकता है। चूंकि पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज व प्रबंध निदेशक पंकज कुमार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दे चुके हैं इसलिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने से छूट रहेगी।

रकम हड़पने की साजिश : वर्मा

याचिकाकर्ता राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं से वसूली गई अधिक राशि को हड़पने की साजिश का आरोप लगाया। वर्मा ने कहा कि सभी बिजली कंपनियों ने अपनी सुविधानुसार जवाब देकर करोड़ों की ज्यादा वसूली को छिपाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने दक्षिणांचल निगम के एमडी द्वारा कॉस्ट डाटा बुक का उल्लंघन न करने के दावे को गलत बताते हुए मैनपुरी के एक उपभोक्ता को जारी एस्टीमेट बतौर साक्ष्य सौंपा। उन्होंने उपभोक्ता द्वारा जमा की गई अधिक राशि की रसीद भी साक्ष्य के रूप में सौंपा। उन्होंने आयोग से कमेटी बनाकर बिजली कंपनियों के उपखंडों में इसकी जांच कराने की मांग की।

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