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न्यूज़ क्रेडिट:amarujala
कांवड़ यात्रा के दौरान अफसरों के दावे फेल रहे। इस दौरान डीजे के शोर ने पूरा दम ही निकाल दिया। जानिए आखिर क्या अहम बात सामने आई है।
कोरोना की वजह से दो वर्ष बाद हुई कांवड़ यात्रा के शोर में शासन के दावे भी दब गए। डाक कांवड़ियों में तेज आवाज में डीजे बजाने की जबरदस्त होड़ रही। दिल्ली-देहादून हाईवे पर पल्लवपुरम और दौराला में ध्वनि प्रदूषण मानक से 76 फीसदी तक बढ़ गया। सड़कों पर वाहनों की संख्या घटने और बारिश की वजह से वायु प्रदूषण कम हुआ।
प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा से पहले ही गाइडलाइन जारी करते हुए दावा किया था कि इस बार डीजे धीमी आवाज में बजेंगे। डाक कांवड़ शुरू होते ही दावे हवा हो गए। कांवड़ मार्गों पर हर ओर डीजे का ही शोर सुनाई दिया। दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा के कांवड़िये डीजे बजाते हुए दिल्ली-दून हाईवे से गुजरे।
बता दें कि हाईवे पर दौराला से पल्लवपुरम तक सबसे ज्यादा कांवड़ शिविर लगे। इन शिविरों में भी बड़े-बड़े डीजे लगाए गए जो 24 घंटे बजते रहे। शिवरात्रि के पहले 25 जुलाई की रात मोनू और कसाना डाक कांवड़ के बीच डीजे बजाने की ऐसी होड़ मची कि सात घंटे तक दौराला से परतापुर तक करीब 24 किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। इस दूरी में 30 से ज्यादा कॉलोनियां हैं। डीजे की धमक से लोगों के मकान और दुकानों के शीशे भी झनझना गए।
कांवड़ यात्रा के दौरान ये रहा ध्वनि प्रदूषण का हाल
तारीख इलाका ध्वनि प्रदूषण
11 जुलाई आबूलेन 79.2
16 जुलाई बेगमपुल 86.7
22 जुलाई दौराला क्रासिंग 88.5
22जुलाई दौराला आर्गेनिक 85.9
22 जुलाई पल्लवपुरम 83
28 जुलाई पल्लवपुरम (साइलेंस जोन) 80.7
नोट: ध्वनि प्रदूषण डेसिबल में। आबूलेन, बेगमपुल, दौराला व्यावसायिक श्रेणी में हैं जबकि पल्लवपुरम आवासीय इलाका है।
ये है मानक
श्रेणी दिन में रात में
साइलेंस जोन 50 40
आवासीय क्षेत्र 55 45
व्यावसायिक क्षेत्र 65 55
औद्योगिक क्षेत्र 75 70
कांवड़ यात्रा के दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक रहा सामान्य
11जुलाई: 62
14 जुलाई: 44
17 जुलाई: 65
20 जुलाई: 40
23 जुलाई: 27
26 जुलाई: 29
27 जुलाई: 35
28 जुलाई: 47
बीते 15 दिन के अंदर हवा की गुणवत्ता 2022 में सबसे अच्छी रही है। वहीं ध्वनि प्रदूषण बढ़ा है। प्रदूषण कम हो इसके लिए लगातार निगरानी की जा रही है।