उत्तर प्रदेश

जीडीए की तीन परियोजनाओं पर काम शुरू नहीं होने से लोगों को रोजाना जाम से जूझना पड़ रहा

Harrison
25 Sep 2023 9:01 AM GMT
जीडीए की तीन परियोजनाओं पर काम शुरू नहीं होने से लोगों को रोजाना जाम से जूझना पड़ रहा
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उत्तरप्रदेश | जीडीए की तीन परियोजनाओं पर काम शुरू नहीं होने से लोगों को रोजाना जाम से जूझना पड़ रहा. हालांकि,प्राधिकरण ने इन प्रोजेक्ट की फिजिबिलिटी का सर्वे कराया था, लेकिन जानकार बताते हैं कि फंड की कमी के कारण फाइलें बंद कर दी गईं.
शहरवासियों को रोजाना जाम की समस्या से जूझना पड़ता है. इसे दूर करने के लिए प्राधिकरण ने कई साल पहले जाम प्वाइंट चिह्नित किए थे. इसमें हापुड़ चुंगी, मोहननगर और घंटाघर पर सबसे अधिक जाम मिला था. इसके बाद हापुड़ चुंगी पर फ्लाईओवर, मोहननगर पर अंडरपास और घंटाघर पर एलिवेटेड रोड बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया. साथ ही एजेंसी नियुक्त करते हुए इन स्थानों को जाम मुक्त करने के लिए फिजिबिलटी सर्वे भी कराया था. इस सर्वे में सभी जगह प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की बात कही गई थी. इसके बाद प्राधिकरण ने इन तीनों पर काम भी तेजी से आगे बढ़ाया, लेकिन यह सभी योजनाएं अभी तक परवान नहीं चढ़ सकी है. जीडीए अधिकारी बताते हैं कि इन तीनों प्रोजेक्ट की फाइलें पूरी तरह बंद कर दी गई है.
यह प्रोजेक्ट पूरी तरह बंद
जीडीए ने जीटी रोड के जाम को खत्म करने के लिए घंटाघर से भाटिया मोड़ तक एलिवेटेड रोड बनाने की योजना बनाई थी. इस प्रोजेक्ट की लागत 253 करोड़ रुपये थी. डीपीआर तैयार होने के बाद भी इस प्रोजेक्ट को आगे नहीं बढ़ाया जा सका.
मोहननगर पर बनना था अंडरपास
जीडीए ने मोहननगर पर अंडर पास बनाने की योजना बनाई थी, ताकि वहां लोगों को जाम की समस्या से जूझना ना पड़े. इसका निर्माण डीएमआरसी से कराना तय हुआ था, जो दिसंबर 2018 तक बनकर तैयार होना था. इस प्रोजेक्ट पर करीब 82 करोड़ रुपये की लागत आनी थी.
फ्लाईओवर के लिए 70 करोड़ रुपये लगने थे
हापुड़ चुंगी पर फ्लाईओवर का निर्माण करने की योजना तैयार की गई थी. इस प्रोजेक्ट की डीपीआर भी तैयार कराई गई, जिसमें प्रोजेक्ट की लागत 70 करोड़ रुपये आंकी गई थी. साथ ही इस फ्लाईओवर का निर्माण करने के लिए सेतू निगम को तय भी किया गया था. डीपीआर में साफ दिया गया था कि इस फ्लाईओवर का निर्माण होने से रोजाना 50 हजार से अधिक वाहन चालकों को लाभ होगा.
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