- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- ड्रोन से होती रही...
ड्रोन से होती रही निगरानी, दो घंटे चले रेस्क्यू के बाद पानी रोककर बचाई जान
बहराइच में वन विभाग की सतर्कता से गुरुवार को एक बाघ की जान बचा ली गई। घाघरा में गिरे बाघ को पानी का बहाव रोककर बचाया गया। इस दौरान ड्रोन कैमरे से लगातार दो घंटे से निगरानी भी होती रही। कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग से निकला बाघ गिरिजापुरी बैराज से पहले घाघरा नदी में गिर गया था।
ग्रामीणों ने दूध गांव के पास स्थित गिरिजापुरी बैराज के गेट नंबर 24 के पास बाघ को पानी के तेज बहाव में बहते देखा। बाघ लहरों से किसी प्रकार लड़ने की कोशिश कर रहा था। ग्रामीणों ने इसकी सूचना तत्काल डीएफओ को दी। डीएफओ टीम के साथ मौके पर पहुंचे। घाघरा नदी में पानी का बहाव कम करने के लिए गिरिजापुरी बैराज का गेट बंद कराया गया।
इस दौरान वन विभाग की टीम नदी के कछार में अलग-अलग हिस्सों में ड्रोन कैमरे की मदद से बाघ के रेस्क्यू के लिए डटी रही। डीएफओ खुद पानी में उतरकर बाघ को बचाने में लगे रहे। गिरिजापुरी बैराज पानी का बहाव कम होने पर बाघ किनारे पहुंच गया। किनारे पहुंचने पर ड्रोन से उस पर नजर रखी गई। आधे घंटे बाद बाघ को गन्ने के खेत से सदर बीट में घुसते हुए देखा गया। दो घंटे की कोशिश सफल होने पर वन विभाग ने राहत की सांस ली।
बेहतर तैराक भी होता है बाघ
कतर्नियाघाट फ्रेंडस क्लब के अध्यक्ष भगवानदास लखमानी बताते हैं कि जंगली जीवों में बाघ सबसे अच्छा तैराक होता है। इसी कारण नदी के तेज बहाव के बावजूद खुद को बचाए रखा। वन विभाग की टीम ने तत्परता दिखाई। इससे बैराज का गेट बंद हो पाया। इससे बाघ थकने से पहले ही किनारे आ गया।
निगरानी को मुस्तैद की गई टीम
नदी के तेज बहाव में बाघ के पहुंचने व सुरक्षित बाहर आने के बावजूद वन विभाग पूरी सतर्कता बरत रहा है। सदर बीट में बाघ की निगरानी के लिए टीम मुस्तैद की गई है। जरूरत पड़ने पर उच्च क्षमता के कैमरे भी लगाए जाएंगे, ताकि उसकी सेहत की भी जानकारी हासिल हो सके।
डीएफओ आकाशदीप बधावन ने बताया कि बाघ के पानी में बहने की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम के साथ मैं खुद मौके पर पहुंच गया। बैराज का गेट कुछ देर के लिए बंद करवाया गया। पानी कम होते ही बाघ किनारे आ गया। वह पूरी तरह से सुरक्षित है।