उत्तर प्रदेश

निगरानी के लिए घुड़सवार के साथ ड्रोन का लिया जा रहा सहारा, कानपुर हिंसा अपडेट

Admin4
5 Jun 2022 3:52 PM GMT
निगरानी के लिए घुड़सवार के साथ ड्रोन का लिया जा रहा सहारा, कानपुर हिंसा अपडेट
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निगरानी के लिए घुड़सवार के साथ ड्रोन का लिया जा रहा सहारा, कानपुर हिंसा अपडेट

कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड जफर हयात को आज भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच न्यायालय में पेश किया गया। जहां से 14 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर लेने की मांग की जाएगी। इसके साथ ही एडीजी एटीएस नवीन अरोड़ा स्पेशल कमांडो के साथ कानपुर पहुंच गए। कानपुर घटना की जांच पुलिस के साथ एटीएस भी करेगी। इधर जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा से पुलिस ने सबक सीखा है और हलिम मुस्लिम कॉलेज से चमन गंज के बीच के हिस्से को ड्रोन कैमरे से निगरानी कर रही है। जिसके माध्यम से छुपे हुए उपद्रवियों को भी नजर रखी जाएगी। हयात जफर हाशमी का कांग्रेस कनेक्शन भी निकल कर सामने आया है। जो उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस का पूर्व प्रदेश सचिव भी रह चुका है

अदालत में पेश किया गया
कानपुर हिंसा मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को उसके साथियों के साथ लखनऊ के एशियन वाइफ पोस्ट न्यूज़ यूट्यूब चैनल के ऑफिस से गिरफ्तार किया गया था। जिनमें हयात जफर हाशमी, जावेद अहमद, खान मोहम्मद साहिल शामिल थे। घटना के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने कहा था कि पकड़े गए अभियुक्तों को अदालत में पेश कर 14 दिनों के लिए रिमांड में लिया जाएगा। इसी क्रम में आज तीनों अभियुक्तों को अदालत में पेश किया गया। इस दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। घटना की जांच के लिए एटीएस एडीजी नवीन अरोड़ा भी कानपुर पहुंच गए हैं। जहां वह हिंसा की जांच करेंगे।
जफर हयात हाशमी का कांग्रेस कनेक्शन
जफर हयात हाशमी का कांग्रेस से भी काफी पुराना रिश्ता है। वह युवा कांग्रेस का राज्य सचिव के पद पर रह चुका है। इस समय हाशमी की फोटो वायरल हो रहा है। इधर 3 जून को हुई घटना के बाद धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है। कमिश्नरेट पुलिस चप्पे-चप्पे पर निगरानी कर रही है। ड्रोन के माध्यम से भी निगरानी की जा रही है। इधर कानपुर हिंसा को लेकर एक नया वीडियो सामने आया है। पत्रिका वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। वीडियो में पकड़ा गया हिस्ट्रीशीटर मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी की भी होने की चर्चा है। 3 जून की बंदी को लेकर होटल में मीटिंग बुलाई गई थी। जिसमें बड़ी संख्या में मुस्लिम संस्थाओं के लोग जुड़े थे।


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