उत्तर प्रदेश

राजकीय सम्मान के साथ भीगी पलकों ने दी शहीद लोकेश सहरावत को अंतिम विदाई

Shantanu Roy
26 Dec 2022 10:18 AM GMT
राजकीय सम्मान के साथ भीगी पलकों ने दी शहीद लोकेश सहरावत को अंतिम विदाई
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मोरना। हर आंख गम के आंसुओं में डूबी हुई थी और सीना गर्व से फूला हुआ था। परिजनों के पास शब्द नहीं थे, पर सिसकियों का सैलाब था। भारत मां के वीर सपूत शहीद लोकेश कुमार का शव भारत माता की जय-जयकार के बीच घर पहुंचा, जिस गली गलियारों में लोकेश का बचपन गुजरा, आज उन्हीं रास्तों से लोकेश की अंतिम यात्रा गुजरी। भारत मां के वीर सपूत शहीद लोकेश का राजकीय सम्मान के साथ पैतृक भूमि पर अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान सैनिकों ने भी शहीद को सलामी दी। शहीद को जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित उच्च अधिकारियों ने भी सलामी दी। इसके अलावा जनप्रतिनिधि, राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों सहित गणमान्य व्यक्तियों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। लोकेश कुमार के चचेरे भाई अभिनव ने शहीद की चिता को मुखाग्नि दी। भोपा थाना के क्षेत्र गांव युसुफपुर निवासी लोकेश सहरावत गत शुक्रवार को नॉर्थ सिक्किम क्षेत्र के छातेन से थांगु जाते समय जेमा नामक स्थान के पास सड़क हादसे में शहीद हो गया था। शहीद लोकेश कुमार सहरावत का पार्थिव शरीर युसुफपुर गांव में सुबह 11 बजे पहुंचा। शहीद के शव को देखकर परिजनों में कोहराम मच गया। पिता उदयवीर सहरावत, माता कुसुम, पत्नी तनु व बहन रश्मि पछाड़ खाकर गिर रहे थे। घर पहुंचने पर शहीद को सैनिकों द्वारा सलामी दी गई तथा इसके उपरांत सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा की धुन के साथ उनकी अंतिम यात्रा को गांव की गलियों से चिता स्थल तक लाया गया और हजारों नम आंखों के बीच शहीद के पार्थिव शरीर को चिता तक पहुंचाया गया।
जहां राजकीय सम्मान के साथ शहीद को पंचतत्व में विलीन किया गया। 20 किमी तक चली शहीद की अंतिम यात्रा: रविवार की सुबह शहीद लोकेश का पार्थिव शरीर राजधानी दिल्ली से गांव युसुफपुर लाया गया। सुबह 9 बजे से ही ग्रामीण फूलों के ढेर लगाकर शहीद के पार्थिव शरीर की प्रतीक्षा में मुख्य मार्ग किनारे खडे हो गये थे। मुजफ्फरनगर बाईपास से शहीद की अंतिम यात्रा शुरू हुई, जिसमें ट्रैक्टर-ट्रॉली सहित कार व बाईकों सहित सैकडों वाहनों का काफिला शहीद के पार्थिव शरीर के पीछे चल रहा था। शहीद लोकेश के ताबूत को फूलों से सजी सैनिकों की गाडी में रखा हुआ था। अंतिम यात्रा में हजारों युवक भारत माता की जय, वन्देमातरम, जब तक सूरज चांद रहेगा, लोकेश तेरा नाम रहेगा। लोकेश तेरा ये बलिदान, याद रखेगा हिन्दुस्तान, के नारे लगा रहे थे। भोपा नहर पुल पर यात्रा पहुंची, तो हजारों ग्रामीणों का समूह यात्रा में समूह शामिल हो गया। पुष्प वर्षा हुई: क्या बूढे, क्या जवान, महिलाएं, बच्चे सभी वर्ग के ग्रामीण शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प वर्षा कर रहे थे। मकान की छतों से पुष्प वर्षा होने लगी। प्रत्येक की छाती लोकेश की शहादत पर फूल रही थी, तो अपने लाल के शव को देखकर प्रत्येक आंख नम थी। प्रत्येक भारत मां के वीर सपूत के सम्मान को नमन कर रहा था। घने कोहरे व तेज ठंड से बेपरवाह अंतिम यात्रा में शिरकत कर रहा था।
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