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लखनऊ : कोरोना काल में परिवहन विभाग ने परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के स्लॉट काफी कम कर दिए थे. जिससे डीएल की पेंडेंसी हजारों की संख्या में पहुंच गई. जनता की समस्या को ध्यान में रखकर परिवहन विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस के स्लॉट में इजाफा करते हुए इनकी संख्या दोगुनी कर दी है. आरटीओ लखनऊ की बात करें तो पहले 234 परमानेंट स्लॉट थे जो अब बढ़ाकर 468 कर दिए गए हैं. हालांकि एक बड़ी समस्या अभी भी बनी हुई है. जब फेसलेस व्यवस्था के तहत लर्नर लाइसेंस बन ही नहीं पा रहे हैं तो परमानेंट स्लॉट बढ़ाने का फायदा आवेदकों को कैसे मिलेगा. फिलहाल, अधिकारी यह फैसला अभी नहीं कर पा रहे हैं कि फेसलेस के भी आधे स्लॉट आरटीओ कार्यालय को दिए जाएं जिससे यह समस्या समाप्त हो.
बता दें कि आवेदकों की दिक्कत को देखते हुए परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने हाल ही में विभाग के अधिकारियों को स्लॉट बढ़ाने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद सभी परिवहन कार्यालयों में स्लॉट की संख्या बढ़ाई गई है. आरटीओ कार्यालय में स्लॉट की संख्या 198 थी जो अब 396 हो गई है. वहीं देवां रोड स्थित एआरटीओ कार्यालय की बात करें तो पहले यहां पर परमानेंट डीएल स्लॉट की संख्या सिर्फ 36 थी जिसे बढ़ाकर अब 72 कर दिया गया है. दोनों कार्यालयों को मिलाकर अब परमानेंट डीएल के स्लॉट 468 हो गए हैं.
लखनऊ के अलावा प्रदेश भर के सभी विभागीय कार्यालयों में अभी तक स्लाॅट की संख्या 5814 थी, लेकिन अब पूरे प्रदेश में परमानेंट डीएल के स्लॉट के लिए यह संख्या बढ़कर 11,628 हो गई है. इससे आवेदकों को अब परमानेंट डीएल के लिए टाइम स्लॉट मिलने में असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा.
लर्नर के बढ़ें स्लॉट तो बने बात : लर्नर लाइसेंस के लिए फेसलेस व्यवस्था लागू की गई है. घर बैठे या फिर साइबर कैफे में टेस्ट देने के बावजूद लर्नर लाइसेंस बहुत ही कम संख्या में जारी हो पा रहे हैं. वर्तमान में आरटीओ कार्यालय में लर्नर लाइसेंस के सिर्फ आधा दर्जन ही स्लॉट हैं, जो अगले सितंबर माह के आखिरी तक के लिए बुक हो चुके हैं. ऐसे में आरटीओ कार्यालय में स्लॉट बुक कराकर लर्नर लाइसेंस नहीं बन सकता. अब सवाल यह उठता है कि जब लर्नर लाइसेंस जारी ही नहीं हो पा रहे हैं तो परमानेंट लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदन आगे कैसे बढ़ पाएं.
क्या कहते हैं एआरटीओ (प्रशासन) : सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) अखिलेश द्विवेदी का कहना है कि परमानेंट लाइसेंस के स्लॉट में बढ़ोतरी कर दी गई है. इससे जनता को काफी राहत मिलेगी. अब सभी को चार से पांच दिन के अंदर परमानेंट डीएल के लिए टाइम स्लॉट मिलने लगा है. जहां तक फेसलेस व्यवस्था के तहत लर्नर लाइसेंस कम संख्या में बन पाने का सवाल है तो अभी नया सेटअप बना है, नई व्यवस्था है. जनता को इससे रूबरू होने में थोड़ा समय लग रहा है.
सॉफ्टवेयर में जो भी कुछ गड़बड़ियां हैं उन्हें दूर किया जा रहा है. दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की समस्या से ऐसा हो सकता है कि ओटीपी जाने में दिक्कत हो रही हो, लेकिन इस तरह की समस्याएं काफी कम ही आ रही हैं.