उत्तर प्रदेश

गोरखपुर में मानसून के दस्तक देने के बावजूद गर्मी से लोगों का हाल बेहाल, रात में भी जबरदस्त गर्मी

Ritisha Jaiswal
6 July 2022 9:17 AM GMT
गोरखपुर में मानसून के दस्तक देने के बावजूद गर्मी से लोगों का हाल बेहाल, रात में भी जबरदस्त गर्मी
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गोरखपुर में मानसून के दस्तक देने के बावजूद गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है। दिन ही नहीं रात में भी जबरदस्त गर्मी झेलनी पड़ रही है।

गोरखपुर में मानसून के दस्तक देने के बावजूद गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है। दिन ही नहीं रात में भी जबरदस्त गर्मी झेलनी पड़ रही है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा दर्ज हो रहा है। ऐसे में उमस से पसीने छूट रहे हैं। वातावरण में काफी ज्यादा नमी की वजह से 36 डिग्री तापमान के बावजूद 42 डिग्री गर्मी का एहसास हो रहा है।

हल्की बारिश की वजह से पिछले दो-तीन दिन राहत मिली थी। अधिकतम तापमान गिरकर 32 डिग्री के पास पहुंच गया था, लेकिन अब गर्मी और सताने लगी है। मंगलवार को दिन की शुरुआत सूरज के तीखे तेवर के साथ हुई। दिन चढ़ने के साथ ही सूरज की चमक और चटख हो गई।
अधिकतम तापमान बढ़कर 36 डिग्री के ऊपर हो गया। लेकिन हीट इंडेक्स 42 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं रात की गर्मी भी परेशान करने वाली रही। न्यूनतम तापमान 28 डिग्री दर्ज किया गया। दिन और रात दोनों तापमान सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा रहा। मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय ने बताया कि फिलहाल मौसम के कुछ दिन तक ऐसे ही बने रहने की संभावना है।
पहले तो मानसून एक पखवाड़े की देरी से आया। आया तो बरसने में कंजूसी कर गया। परिणाम यह हुआ कि जनपद ही नहीं बस्ती-गोरखपुर मंडल में जून माह में औसत से कम बारिश हुई। जुलाई में भी सामान्य से कम बारिश होने के आसार हैं। इस कारण कृषि विज्ञानी चिंतित हैं। उन्हें कृषि उत्पादन घटने की आशंका सता रही है। वहीं, बारिश कम होने से उमस भरी गर्मी से भी राहत नहीं मिल रही है, जिससे लोग परेशान हैं। इस कारण बिजली की खपत भी अधिक हो रही है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, देवरिया जनपद को छोड़ दें तो गोरखपुर-बस्ती मंडल के सभी जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। गोरखपुर में सामान्य से 49 फीसदी कम बारिश हुई है। इस मामले में कुशीनगर सबसे पीछे है। कुशीनगर में सामान्य से 60 फीसदी कम बारिश रिकार्ड की गई। बस्ती में भी सामान्य से 57 फीसदी कम बारिश रिकार्ड हुई है। संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर और महराजगंज जिलों में भी कम बारिश हुई है। इससे किसान परेशान हैं।
कृषि विज्ञानियों का कहना है कि औसत से कम बारिश का असर कृषि उत्पादन पर पड़ेगा। पहले तो धान की नर्सरी का जमाव कम हुआ है। उसके बाद धान की रोपाई समय से नहीं हो पा रही है। इसके अलावा दूसरी अन्य फसलों की भी बिजाई नहीं हो पा रही है। वहीं, यदि कोई किसान धान की रोपाई कर भी दे रहा है, तो उसे सिंचाई महंगी पड़ रही है। दूसरी फसलों को लेकर भी किसान चिंतित हैं। उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि रूठे मानसून को कैसे मनाएं? वहीं, कम बारिश होने से तापमान में गिरावट नहीं आ रही है। उमस भरी गर्मी का प्रकोप जारी है। गर्मी से राहत पाने के लिए लोग अधिक बिजली का उपभोग कर रहे हैं। अधिक एसी चलने से पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है


Ritisha Jaiswal

Ritisha Jaiswal

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