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बड़ी खबर
लखनऊ। खरीफ सीजन में प्रकृति की मार और आसमान से बरस रही बारिश की बूंदों से किसान लगातार आहत हो रहा है। जाता हुआ मानसून फिर से किसानों की चिंता बढ़ा रहा है और खेतों में ही मेहनत भरी उम्मीदों के साथ ही फसल भी पानी-पानी हो रही है। लगभग हर दिन हो रही बारिश से जिले की बीकेटी, मलिहाबाद, सदर, मोहनलालगंज सहित सभी तहसीलों में अधिकांश खेतों में पानी भर गया है। और धान, आलू,मटर, सोया, पालक, मूली, गाजर, चुकंदर, सरसों, हरी मिर्च, बैंगन, तरोई, कद्दू, लौकी इत्यादि की फसल को खासा नुकसान पहुंचा रहा है। कई जगह खेतों में खराब हो चुकी धान की फसल निकलवाने के दौरान भी किसानों की आंखों में आंसू आ रहे हैं।
बता दें कि बीकेटी, इटौंजा,माल, मलिहाबाद, मोहनलालगंज, गोसाईंगंज सहित समूचे जिले में लगातार हो रही बारिश से धान आलू व हरी सब्जियों की फसलों में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। तालाब बने खेतों में से धान की फसल उठाने के बाद सुखाकर निकालने की मशक्कत किसान कर रहे हैं। वहीं पिछले कुछ दिनों पहले जिले में बारिश का दौर थमा हुआ था। तो किसानों को उम्मीद जगी थी, लेकिन अब बीकेटी क्षेत्र सहित जिले के अन्य हिस्सों लगातार बारिश हो रही है तो फिर से चिंता बढ़ गई है। फसल में हो रहे नुकसान के बीच ना तो सर्वे हो रहा है और ना ही किसी स्तर से राहत की बात हो रही है।
ना हो रहा सर्वे और ना ही राहत की बात
खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान व उड़द, मक्का है, लेकिन इस बार लगातार बारिश और कभी बारिश की खेंच से नुकसान का दौर लगातार जारी है। राहत की आस किसान लगाए बैठे हैं, लेकिन न तो सर्वे हो रहा है और न ही किसानों को राहत देने की बात हो रही है। आज भी किसानों की फसलें खराब हो रही है फिर भी प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं गया है। उपजिलाधिकारियों को अब जल्द ही सर्वे कराना चाहिए। और पीड़ित किसानों को सरकारी मदद दिलानी चाहिए। लेकिन ज़िम्मेदार अधिकारी सब कुछ देखते हुए भी धृतराष्ट्र बने हुए हैं। और किसान अपनी बर्बाद हो रही तैयार फसलों को देखकर मत्था पीट रहा है।
लगभग 50 प्रतिशत अर्ली धान व अन्य फसलों में हो चुका है नुकसान
राजधानी के बीकेटी सहित सभी पांचों तहसीलों में धान की फसल में लगभग 40 से 50 प्रतिशत तक नुकसान हो चुका है। बीकेटी, इटौंजा, कुम्हरावां, गोसाईंगंज, मलिहाबाद, माल तथा मोहनलालगंज क्षेत्रों में अत्यधिक नुकसान हो रहा है। पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के बीच अर्ली धान की फसल को काटना मुश्किल हो रहा है। कुछ दिनों पहले बारिश का दौर थमा था,तो किसानों को आस जगी थी कि अर्ली धान की फसल काटकर निकालकर घर ले आएंगे लेकिन अब फिर से जिले के ग्रामीण अंचल में हो रही बारिश के बीच किसानों की चिंता बढ़ गई हैं।
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