उत्तर प्रदेश

हर जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन, ललन सिंह बोले- आरक्षण खत्म करना ही BJP का एजेंडा

HARRY
13 Oct 2022 8:55 AM GMT
हर जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन, ललन सिंह बोले- आरक्षण खत्म करना ही BJP का एजेंडा
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पटना हाईकोर्ट की तरफ से निकाय चुनाव पर रोक लगाए जाने पर आज JDU बड़े पैमाने धरना प्रदर्शन करने वाली है। JDU इसके लिए BJP और केंद्र स्कार को दोषी मानती है। BJP के आरक्षण विरोधी चेहरे को बेनकाब करने और इस मुद्दे पर उसके द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करने के लिए JDU आज सभी जिला मुख्यालय पर 'आरक्षण विरोधी भाजपा का पोल खोल' कार्यक्रम कर रही है। इस दौरान पार्टी के सभी नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपने-अपने जिला मुख्यालय में धरना देकर BJP के आरक्षण विरोधी चेहरे को उजागर करेंगे।

इस कार्यक्रम में पार्टी के सभी MP, MLA, MLC, पूर्व MP, पूर्व MLA, पूर्व MLC भी अपने जिलों के कार्यक्रम में भाग लिया। पटना के गांधी मैदान के गांधी मूर्ति के पास राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के नेतृत्व में 11 बजे से धरना प्रदर्शन किया गया। इसमे प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा सहित कई नेताओं ने भाग लिया।

पटना के गांधी मूर्ति पर धरने पर बैठे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जी ने 2015 के चुनाव के पहले ही यह कहा था, कि आरक्षण व्यवस्था पर पुनर्विचार करना चाहिए। उसी समय हम लोग को लग गया था कि भारतीय जनता पार्टी का यह एजेंडा है कि इस देश में आरक्षण व्यवस्था को समाप्त कर दिया जाए। अभी जो नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़े वर्ग को बिहार में 20% का आरक्षण दिया गया। 2006 में पंचायती राज में दिया गया 2007 में नगर निकाय में दिया गया, यह मामला पटना हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गया। दोनों के द्वारा राज्य सरकार के इस कानून को सही ठहराया गया।

उसके आधार पर 2007 में 2012 में और 2017 में तीन चुनाव हो चुके हैं। और अब 2022 में एक नई साजिश हुई जिसके तहत आरक्षण व्यवस्था समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। हाई कोर्ट के द्वारा आयोग बनाने की बात कही गई है। यह आयोग बनाना मामले को लटकाने जैसा है।

दरअसल, JDU के लोग BJP को दोहरा चरित्र वाला बता रहे हैं। JDU हर जिलों में आरक्षण को लेकर BJP के खिलाफ पोल खोल अभियान आज से चला रहा है। दूसरी तरफ बीजेपी भी नीतीश कुमार पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी आयोग नहीं बनाने को लेकर निशाना साध रही है। BJP नेताओं का कहना है सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही निर्देश दिया था। उसका पालन नीतीश सरकार ने नहीं किया और उसके कारण ही अति पिछड़ों के आरक्षण को लेकर नगर निकाय चुनाव रुका है।

बिहार सरकार अब सुप्रीम कोर्ट में अपील करने वाली है तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर वरिष्ठ नेता अलग अलग तरीके से तर्क दे रहे हैं। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि सुप्रीम कोर्ट में जब बिहार सरकार अपील करती है तो क्या कुछ फैसला होता है। क्योंकि BJP लगातार कह रही है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही निर्देश दे रखा है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट जाने का कोई लाभ नहीं मिलेगा।

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