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प्रयागराज: गैस्ट्रोइंट्रोलाजिस्ट डॉ. आलोक मिश्रा के ऐस हास्पिटल में सोमवार को किए गए तोड़फोड़ और मारपीट के बाद डाक्टरों में आक्रोश है। मंगलवार को AMA (इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन) के पदाधिकारियों ने आईजी डॉ. राकेश सिंह से मुलाकात की और अस्पताल में घुसकर मारपीट करने और तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। उधर, शहर के डाक्टरों ने बैठक कर निर्णय लिया कि यदि उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी नहीं की गई तो डाक्टर भी हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे। AMA के अध्यक्ष डॉ. सुबोध जैन ने कहा, कि पुलिस को तत्काल इस पर कार्रवाई करनी चाहिए अन्यथा जिले भर के डाक्टर हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे। आईजी से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में पूर्व अध्यक्ष सुजीत सिंह, सचिव डॉ. आशुतोष गुप्ता समेत अन्य मौजूद रहे। तेलियरगंज निवासी वरूण कुमार श्रीवास्तव एडवोकेट (45 वर्ष) आठ अक्टूबर को ऐस अस्पताल में गंभीर अवस्था में पहुंचे थे। वह लिवर की गंभीर बीमारी सिरोसिस से ग्रसित थे। पेट के अल्सर से रक्तस्त्राव हो रहा था। परिवार वालों ने डाक्टर को बताया था कि वह शराब का अत्यधिक सेवन करता था। अस्पताल के निदेशक डॉ. आलोक मिश्रा ने कहा मरीज भर्ती किया गया और इंडोस्कोपी भी की गई। उसके रक्तस्त्राव को रोका गया और परिवार वालों को पूरी जानकारी दी गई थी। सोमवार को उसकी हालत अचानक गंभीर हो गई और उसकी मौत हो गई। परिवार के लोग शव को लेकर जाना चाहते थे लेकिन कुछ अधिवक्ता व अन्य परिचित आ गए और अस्पताल में तोड़फोड़ करने लगे। साक्ष्य मिटाने के लिए सीसीटीवी भी तोड़ दिए। डाॅक्टरों ने बैठक कर इस मामले में आपस में विचार विमर्श किया। डॉ. कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि कुछ वकीलों ने यह शर्मनाक घटना को अंजाम दिया है। डाक्टर पूरे मनाेयोग से अपने मरीज का इलाज करता है लेकिन यह संभव नहीं है कि हर मरीज को बचाया जा सका। डाक्टर मरीज को हर प्रयास करके उसे बचाना चाहता है। लेकिन मरीज की यदि जान चली जाती है तो अस्पताल में तोड़ फोड़ करना तो गलत है। डॉ. आशीष टंडन, इलाहाबाद नर्सिंग होम के अध्यक्ष डॉ. सुशील सिन्हा ने अस्पताल में तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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