उत्तर प्रदेश

बोझ नहीं वरदान हैं बेटियांः तीन बहनों ने रचा इतिहास, एक साथ बनीं दरोगा

Shantanu Roy
1 Dec 2022 11:24 AM GMT
बोझ नहीं वरदान हैं बेटियांः तीन बहनों ने रचा इतिहास, एक साथ बनीं दरोगा
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बदायू। कस्बा उघैती की रहने वाली तीन बहनों ने एक साथ दरोगा बनकर परिवार का ही नहीं बल्कि जिले का भी नाम रोशन किया है। किसान के घर जन्मीं तीनों बहनों ने एक साथ दरोगा भर्ती की परीक्षा दी और तीनों चयनित भी हो गईं। तीनों बेटियों के एक साथ चयनित होने पर घर में खुशी का माहौल है। कस्बा उघैती निवासी संजीव गुप्ता किसान हैं। उनकी तीन बेटी शिखा गुप्ता, शिल्पी गुप्ता, शैली गुप्ता और एक बेटा अभिषेक है। संजीव ने बच्चों को अच्छी तालीम दिलाई। मां रीना गुप्ता ने तीनों बेटियों से घर का काम नहीं कराया। तीनों बहनों ने उघैती के माधवराम इंटर किया। चंदौसी से बीएससी और बरेली से एमएससी की।
पुलिस भर्ती और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की। शिखा और शैली ने 2018 में सिपाही भर्ती की परीक्षा पास की। 2020 में पुलिस में तैनात हुई। शिखा गुप्ता मुरादाबाद और शैली लखनऊ में कार्यरत हैं। तीसरी बहन शिल्पी अहमदाबाद में रेलवे में क्लर्क हैं। तीनों बहनों ने सरकारी नौकरी में होने के बाद भी पढ़ाई नहीं छोड़ी। दरोगा भर्ती में आवेदन किया। ड्यूटी के बाद घर पर देर रात तक पढ़ाई करती थीं। जिसका फल उन्हें जून महीने में मिला। तीनों बहनें दरोगा भर्ती की परीक्षा में पास हो गई हैं। उनकी मेडिकल की प्रकिया भी हो गई है। परिवार में हर्ष का माहौल है। जल्द ही तीनों बहनें एक साथ प्रशिक्षण लेने जाएंगी। भाई अभिषेक चंदौसी से बीटेक कर रहा है।
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