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- किसान मेले में उमड़...
मेरठ के सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्व विद्यालय में तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी के तीसरे दिन भी किसानों की भारी भीड़ उमड़ी। किसान मेले में सपेरे बीन बजाकर आगंतुकों का स्वागत कर रहे हैं। वहीं मेले में लगे विभिन्न स्टॉल्स लोगों को अपनी ओर अनायास ही खींच लेते हैं। यहां लाल भिंडी भी लुभा रही है तो अचार वाली आंटी की खूब तारीफ हो रही है। कोई 10 करोड़ के भैंसे को देखने मेले में पहुंच रहा है तो कोई नए बीजों की जानकारी लेने के लिए मेले का रुख कर रहा है।
इससे पहले बुधवार को दूसरे दिन के सत्रों का शुभारंभ केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान, विवि के कुलपति प्रोफेसर केके सिंह, श्रम कल्याण परिषद के पूर्व अध्यक्ष पंडित सुनील भराला ने किया। उन्होंने मेले का निरीक्षण भी किया। डॉ. बालियान ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक छपने से ज्यादा किसानों के हित में शोध कार्य करें ताकि उनका असर खेतों में नजर आए। इस दौरान उन्होंने यहां आयोजित डॉग शो को सराहा। इसमें 10 से ज्यादा प्रजातियों के कुत्ते शामिल हुए। केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में किसानों के लिए 21 हजार करोड़ धन आवंटित किया जाता था जो अब बढ़ाकर एक लाख 35 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। सरकार की ओर से शत प्रतिशत वैक्सीनेशन का कार्य निशुल्क कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को अच्छी प्रजाति को विकसित करने के लिए शोध करना होगा तभी किसानों को लाभ मिल सकता है।
कुलपति प्रोफेसर केके सिंह ने कहा कि मेले में कई थीम पर स्टॉल लगाए गए। इसमें फसल अवशेष प्रबंधन, मोटे अनाज की खेती, प्राकृतिक खेती, कृषि यंत्रों सहित अन्य जरूरी जानकारियां भी दी गईं। सुनील भराला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने किसान निधि से सम्मान बढ़ाया है। ऐसे आयोजन से किसानों को नई तकनीकी जानकारी मिलती है।
मेले में श्रीकृष्ण अचार के स्टॉल पर लोग रुककर न सिर्फ अचार चखकर देखते हैं बल्कि इसके बारे में जानकारी भी लेते हैं। इनके स्टॉल पर 150 से ज्यादा वैरायटी के अचार, मुरब्बा व कैंडी उपलब्ध हैं। स्टॉल संचालिका कृष्णा यादव ने अचान बनाने की फ्री ट्रेनिंग ली थी इसके बाद उन्होंने इसे अपना पेशा बनाया और आज उनका सालाना करोड़ों का टर्नओवर है। यूपी के बुलंदशहर निवासी कृष्णा के पति बताते हैं कि आज कृष्णा सैकड़ों लोगों को रोजगार दे रही हैं। वह बताते हैं कि 20 डिब्बे गोभी के अचार से व्यवसाय शुरू किया था। स्वाद और विश्वास के साथ लोग जुड़ते चले गए। अब पूरे भारत में अचार सप्लाई करते हैं। फिलहाल उन्होंने किसान मेले में अपना स्टॉल लगाया हुआ है जहां लोगों के कदम अनायास ही रुक जाते हैं।