उत्तर प्रदेश

अदालत की हुक्म उदूली में फंसे एसएचओ कैंट,आज तलब

Admin4
19 Oct 2022 6:19 PM GMT
अदालत की हुक्म उदूली में फंसे एसएचओ कैंट,आज तलब
x

विभिन्न अपराधों में तहरीर पर जनपद पुलिस की ओर से टालमटोल और रिपोर्ट न दर्ज करना आम है। रिपोर्ट दर्ज करने में आनाकानी और हीलाहवाली की आदी पुलिस ने अब अदालत के आदेश को भी कूड़े की टोकरी के हवाले करने की कारस्तानी शुरू कर दी है।

आदेश के बावजूद ऐसे दो मामलों में दो माह से ज्यादा समय बीतने के बावजूद रिपोर्ट न दर्ज करने और विवेचना कर आख्या अदालत को उपलब्ध न कराने पर अदालत ने कड़ा रुख अख्तियार किया है।

एसीजेएम प्रथम भव्या त्रिपाठी की अदालत ने थाना प्रभारी कैंट को गुरूवार को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होकर यह स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। इसमें एक मामला मॉनिटरिंग का वाद संख्या 651 /2020 आशाराम बनाम इक़बाल व अन्य तथा दूसरा वाद संख्या 722 /2022 डाली बनाम राजेश्वर प्रसाद व अन्य का है।

पड़ोसी जनपद सुल्तानपुर निवासी विवाहिता डाली ने कोतवाली, एसएसपी समेत अन्य से शिकायत के बावजूद रिपोर्ट दर्ज न होने पर 156 (3) के तहत अपने ससुर राजेश्वर प्रसाद निवासी गद्दोपुर थाना कैंट जिला अयोध्या पर दुष्कर्म तथा देवर विनोद कुमार व पति कुलदीप नारायण के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवा कार्रवाई के लिए प्रार्थना पत्र दिया था।

मामले में अदालत ने 13 सितंबर को कैंट पुलिस को संबंधित धारा में रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना कर आख्या अदालत को उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। इसी तरह आशाराम बनाम इक़बाल व अन्य के मामले में भी अदालत से रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना कर आख्या अदालत को उपलब्ध कराने का आदेश अदालत ने कैंट पुलिस को दिया था।

कैंट पुलिस की ओर से दोनों मामलों में रिपोर्ट न दर्ज करने और विवेचना कर आख्या अदालत को न उपलब्ध कराये जाने पर संबंधित पीड़ितों ने अपने-अपने अधिवक्ता माध्यम से एसीजेएम प्रथम भव्या त्रिपाठी की अदालत में निगरानी वाद दाखिल किया था।

दोनों निगरानी वाद की सुनवाई करते हुए मंगलवार को एसीजेएम प्रथम की अदालत ने कैंट थाना प्रभारी के इस कृत्य को आपत्तिजनक और अवमानना की श्रेणी का माना और थाना प्रभारी को गुरूवार को व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर होकर यह स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है कि अदालत के आदेश का अनुपालन क्यों गया और आदेश के बावजूद आख्या क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई।

Next Story