उत्तर प्रदेश

CM योगी ने प्रस्ताव तैयार करने के दिए निर्देश, NCR की तर्ज पर विकसित होगा 'राज्य राजधानी क्षेत्र'

Admin4
3 Sep 2022 12:16 PM GMT
CM योगी ने प्रस्ताव तैयार करने के दिए निर्देश, NCR की तर्ज पर विकसित होगा राज्य राजधानी क्षेत्र
x

प्रदेश के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए उच्चाधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की. इस दौरान उन्होंने राज्य में भू माफिया के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात कही. मुख्यमंत्री ने राज्य राजधानी क्षेत्र के गठन के लिए अफसरों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए. ऐसे में अब लखनऊ और आस पास के जिले एनसीआर की तर्ज पर गठित होंगे.

एनसीआर की तर्ज पर गठित होगा 'राज्य राजधानी क्षेत्र'

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को आदेश जारी कर लखनऊ और आसपास के जिलों को एनसीआर की तर्ज पर गठित करने लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही उन्होंने लखनऊ के दूसरे रूट पर भी मेट्रो के संचालन को लेकर कार्ययोजना बनाकर तेजी से कार्य करने की बात कही. इसके अलावा अयोध्या को 'सोलर सिटी' बनाने के लिए निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि, सतत-समन्वित प्रयासों से राजधानी लखनऊ आज मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में अत्याधुनिक नगरीय सुविधाओं से लैस हो रही है. विभिन्न नगरों से लोग यहां आकर अपना स्थायी निवास बनाना चाहते हैं. आस-पास के जिलों में भी जनसंख्या का दवाब बढ़ रहा है और कई बार अनियोजित विकास की शिकायतें भी मिलती हैं. ऐसे में भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की तर्ज पर 'उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र' का गठन किया जाना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने बताया कि, इस राज्य राजधानी क्षेत्र में लखनऊ के साथ-साथ उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, कानपुर नगर और कानपुर देहात को शामिल किया जा सकता है. सभी आयामों पर अध्ययन और विमर्श करते हुए यथाशीघ्र विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि, सभी प्राधिकरण, स्थानीय निकाय यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी किसी भी परिस्थिति में अवैध बस्तियां/रिहायशी कॉलोनी बसने न पाए. हर कॉलोनी में सभी जरूरी सुविधाएं हों.

सीएम योगी ने कहा कि, अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना पर तेजी से कार्य किया जाए. यह प्रयास वैश्विक पटल पर अयोध्या को एक विशिष्ट पहचान देने वाला होगा. अयोध्या से पूरी दुनिया को ऊर्जा संरक्षण का महान संदेश मिलेगा. यहां के ऐतिहासिक स्थलों पर भित्ति चित्र कलाकृति, राम कथा गैलरी, ओपन एयर थियेटर से जुड़े का समय से पूरे होने चाहिए. रामायण परंपरा की 'कल्चरल मैपिंग' कराई जाए. इसी प्रकार, राम वन गमन पथ पर रामायण वीथिकाओं का निर्माण कराने की कार्यवाही हो.

बरसाना में राधारानी के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को जल्द ही रोप-वे की नई सुविधाम मिल सकेगी. यह महत्वपूर्ण परिययोजना इसी वर्ष दिसम्बर तक पूर्ण कर ली जानी चाहिए. इसी प्रकार, काशी में कैंट रेलवे स्टेशन से गिरजाघर तक बनने वाला रोप-वे आम जन को एक अनूठी नगरीय परिवहन व्यवस्था से परिचय कराएगा. इस परियोजना को शीर्ष प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जाए.

लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर की विशिष्ट योजना को अगले जल्द से जल्द प्रारंभ करा दिया जाए. यह योजना लखनऊ को एक आकर्षक स्वरूप देने वाली होगी. नगर निगम के लखनऊ के दायरे को विस्तार दिया जाए. बटलर झील और सीजी सिटी में वेटलैंड के पुनरोद्धार के लिए तत्काल कार्यवाही की जाए. लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, झांसी, मथुरा, बरेली, मेरठ, आगरा, चित्रकूट, वाराणसी, प्रयागराज का सिटी डेवलपमेन्ट प्लान तैयार कर लिया जाए. लीड्स-2021 नीति के अन्तर्गत गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा, लखनऊ, कानपुर , वाराणसी एवं मेरठ की शहरी लॉजिस्टक योजना तैयार करने में देरी न हो.

मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण में गोकुल और बलदेव के क्षेत्र को समाहित करते हुए इसका विस्तारीकरण किया जाना चाहिए. इस सम्बंध में औपचारिक प्रस्ताव तैयार किया जाए.राजधानी लखनऊ की महत्ता को देखते हुए यहां एक सर्वसुविधायुक्त 'कन्वेंशन सेंटर' की स्थापना की आवश्यकता है। कन्वेंशन सेंटर ऐसा हो जो कि विश्वस्तरीय आयोजनों की मेजबानी कर सके। कम से कम 35 एकड़ के विशाल परिसर का लक्ष्य लेकर भूमि चयन, प्रारूप आदि तय करते हुए इस सम्बंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार किया जाए.

अयोध्या में पुरातन संस्कृति सभ्यता का संरक्षण के साथ-साथ भविष्य की जरूरतों को देखते हुए आधुनिक पैमाने के अनुसार सभी नगरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार संकल्पित है। प्रधानमंत्री जी की भावनाओं के अनुरूप तैयार अयोध्या के समग्र विकास की हर परियोजना शासन की प्राथमिकता है। यहां के सांस्कृतिक महत्व के दृष्टिगत ब्रम्हकुंड, संध्या कुंड, मनुमुनि कुंड, विद्या कुंड, अग्नि कुंड, सीताकुंड, दशरथ कुंड, खजुआ कुंड सहित 08 कुंडों के कायाकल्प, संरक्षण संचालन और रखरखाव का काम जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए. इसके अंतर्गत वैदिक विधि से जल शुद्धिकरण की सुविधा भी हो.

Admin4

Admin4

    Next Story