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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राजधानी लखनऊ में 5 कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर लखनऊ में भिक्षावृति से मुक्त हुए 101 बच्चों को पढ़ाई-लिखाई की सामग्री बांटी। इसके अलावा सभी बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का प्रमाण पत्र भी दिया। इस मौके पर यूपी की बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल, मंडलायुक्त रोशन जैकब, जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
वहीं इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से स्माइल योजना शुरू की गई और देश के कई शहरों को चुना गया, आज इसी योजना के माध्यम से 101 बच्चे इस कार्यक्रम में जुड़ रहे हैं। आज इस योजना के तहत भीख मांगने वाले बच्चों के हाथ में किताब और पेंसिल है। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना काल में देखने को मिला था कि कई ऐसे बच्चे हैं, जिनके अभिभावक नहीं रहे। जिसकी वजह से वे बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे थे। इसके बाद हमने सर्वे करवाया और मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत उन्हें जोड़ा गया और 2500 रुपये की राशि देना शुरू किया गया। साथ ही जिन बच्चों ने अपने अभिभावक को खो दिए थे उनके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 18 अटल आवासीय विद्यालय भी बनाए हैं।
लखनऊ में 101 बच्चे स्माइल योजना के साथ जुड़कर अपने विकास को आगे बढ़ा रहे हैं। यह योजना 2017 से प्रदेश में लागू है, जिसमें यूपी सरकार की ओर से बच्चों को बैग और अन्य पढ़ाई की सामग्री दी जाती रही हैं। जिन बच्चों के पास स्कूल जाने का अवसर होता है, जिनके सुनहरे भविष्य के लिए सरकार ने कई योजनाएं निकाली हैं, उन बच्चों को भिक्षावृत्ति में धकेल दिया जाता है। वहीं ऐसी भी खबर सामने आती है कि कई गिरोह बच्चों को दिव्यांग बनाकर फिर उनसे जबरन भिक्षावृत्ति करवाते हैं। इसमें कई गिरोह के खिलाफ समय-समय पर कार्रवाई भी होती रही है। ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हो सके और ऐसे परिवारों का पुनर्वास किया जा सके, इसी दृष्टि से स्माइल परियोजना की शुरुआत की गई है।
इसके अलावा सीएम योगी ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद प्राइमरी स्कूलों में हर बच्चें को यूनिफॉर्म, किताबें, ड्रेस, जूते-मोजे आदि उपलब्ध करा रहा है। बेसिक स्कूलों में 1.91 करोड़ बच्चों को इनका लाभ मिल रहा है और नए दाखिला लेने वाले बच्चों को इन योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।