उत्तर प्रदेश

सीडीओ ने टीबी मरीज दो बच्चों को गोद लिया

Admin4
6 Nov 2022 1:19 PM GMT
सीडीओ ने टीबी मरीज दो बच्चों को गोद लिया
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मुजफ्फरनगर। वर्ष 2025 तक टीबी को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य है। सरकारी अधिकारी, सामाजिक संस्था और व्यक्तिगत रूप से लोग टीबी के मरीजों को पोषण के साथ-साथ सामाजिक व भावनात्मक रूप से सहयोग करने के लिए उन्हें गोद ले रहे हैं। इसी क्रम में जनपद के मुख्य विकास अधिकारी ने शनिवार को टीबीमरीज दोबच्चों को जिला अस्पताल युनिट से गोद लिया है।
मुख्य विकास अधिकारी संदीप भागिया ने बताया -वर्ष 2025 तक हर हाल में टीबी को देश से खत्म करने के लिए विभाग की ओर से मुहीम चलाई जा रही है और विभिन्न संस्थाओं और लोगों द्वारा टीबी मरीजों को गोद लिया जा रहा है। इसी क्रम में उनका यह प्रयास है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. लोकेश चंद गुप्ता ने बताया सरकार का टीबी को सन् 2025 तक जड़ से खत्म करने का संकल्प है। इस दिशा में कई ठोस कदम उठाए गए हैं। उसी क्रम में निजी संस्थान, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं अधिकारियों द्वारा टीबी मरीजों को गोद लिया गया हैं, यह सिलसिला अभी जारी है। गोद लिए हुए व्यक्ति को पोषण, उपचार और अन्य सहायता दी जाती है। उन्होंने बताया - विभाग से टीबी के मरीज की जानकारी मिलने के बाद मुख्य विकास अधिकारी संदीप भागिया द्वारा दो मरीजों के पोषण व देखरेख की जिम्मेदारी ली गयी। उन्होंने कहा- टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए सभी एकजुट होकर साथ आगे आयें क्योंकि जब सभी का सहयोग मिलेगा, तभी हमारा यह नारा 'टीबी हारेगा देश जीतेगा' सफल होगा।
क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समन्वयक सहबान उल हक ने बताया- जिले में जनवरी 2022 से लेकर अब तक 6489 टीबी मरीजों को खोजा गया है। 1524 मरीज ठीक हो चुके हैं। टीबी विभाग का यह कार्य युद्ध स्तर पर जारी है, जो लगातार चलता रहेगा। उन्होंने कहा दो हफ्ते से ज्यादा खांसी रहना, लगातार बुखार रहना, सीने में दर्द होना टीबी रोग के लक्षण हैं। इन लक्षणों वाले लोग क्षय रोग केन्द्र पर टीबी की जांच अवश्य करवाएं। उन्होंने बताया- साधारण टीबी का उपचार कम से कम छह माह तक लगातार चलता है। कोई भी मरीज बिना चिकित्सक की सलाह के दवा बीच में न छोड़े, दवा बीच में छोड़ने से टीबी बिगड़ जाती है।
जिला पीपीएम कोऑर्डिनेटर प्रवीन कुमार ने बताया मुख्य विकास अधिकारी द्वारा खालापार और सूजड़ू से दो बच्चों को गोद लिया गया है, जिनके पोषण और देखरेख की जिम्मेदारी उन्होंने ली है। प्रतिमाह उनको पोषण आहार भी वितरित किया जा रहा है। इसके अलावा अधिकारियों कर्मचारियों व सामाजिक संस्थाओं को मरीजों को गोद देकर उनको नियमित देखभाल व इलाज की जिम्मेदारी दी गई है। जब तक वह ठीक नहीं हो जाते हैं, उनको खाने, पीने और उनके पोषणके लिए गुड़, चना, दलियां, मूंगफली इत्यादि प्रदानकिया जाएगा।
टीबी के लक्षण:-
– दो से तीन सप्ताह तक लगातार खांसी होना।
-खांसी के साथ खून आना।
– सीने में दर्द या सांस लेते समय दर्द
-तेजी से वजन कम होना।
-रात में पसीना आना।
-बहुत ज्यादा थकान होना।
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