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कैंट बोर्ड में रात दो बजे तक चली सीबीआई की छापेमार कार्रवाई,सीईओ हुआ फरार
मेरठ। मेरठ कैंट बोर्ड मे सीबीआई टीम ने देर शाम छापेमार कार्रवाई शुरू की। सीबीआई की ये छापेमारी रात दो बजे तक चली। छापेमारी में सीबीआई ने कैंट बोर्ड सुपरवाइजर को हिरासत में लेकर पूछताछ की। जिसमें कैंट बोर्ड में हुई सुपरवाइजरों और 80 कर्मियों की होने वाली अस्थाई नियोक्ति में धांधली के बारे में पूछताछ की। सीबीआई की छापेमारी से कैंट बोर्ड अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। छापेमारी के दौरान सीबीआई टीम कैंट बोर्ड सीईओ ज्योति कुमार के आवास पर पहुंची। लकिन सीईओ टीम के पहुंचने से पहले ही फरार हो गया।
मेरठ कैंट बोर्ड में नियुक्तियों को लेकर बड़े पैमाने पर धांधली की शिकायतें गृहमंत्रालय और रक्षामंत्रालय में की गई थी। जिसके बाद मामले की जांच के सीबीआई के हवाले कर दी गई थी। इसकी जांच के लिए ही सोमवार की देर शाम सीबीआई की टीम गुपचुप तरीके से कैंट बोर्ड आफिस पहुंची। सीबीआई की 15 सदस्यीय टीम ने एक साथ कैंट बोर्ड और कर्मचारियों के आवास पर छापा मारा। सीबीआई छापेमारी के दौरान सुपरवाइजर संजय को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पूछताछ में सुपरवाइजर ने कैंट बोर्ड में हुई सुपरवाइजर की नियुक्ति और अस्थाई कर्मचारियों की होने वाली नियुक्तियों के मामले में अहम जानकारी दी। सीबीआई की टीम को सुपरवाइजर संजय ने पूछताछ में बताया कि कैंट बोर्ड में छह सुपरवाइजर की नियुक्ति में बड़े मोटे पैसे का लेनदेन हुआ। कैंट बोर्ड सुपरवाइजर ने पूछताछ में यह भी बताया कि कैंट बोर्ड में 80 अस्थाई कर्मचारियों की होने वाली नियुक्तियों में करोड़ों रुपये लिए हैं। सुपरवाइजर को लेकर सीबीआई की टीम रात में सीईओ कैट बोर्ड के आवास पर पहुंची।लेकिन सीबीआई टीम पहुंचने से पहले सीईओ ज्योति कुमार फरार हो गए। बताया जाता है
कि कैंट बोर्ड सीईओ ज्योति कुमार भ्रष्टाचारों के आरोपों में घिरे हैं। मेरठ कैंट बोर्ड में आगामी नवम्बर में 80 कर्मियों की अस्थाई नियोक्ति होनी है। जिसको लेकर कैंट बोर्ड चर्चा में है। चर्चा है कि नियुक्ति से पहले अभ्यार्थियों से रुपये लिए जा चुके हैं।