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उत्तर प्रदेश
गर्भवती को बीच रास्ते में उतारने पर एंबुलेंस चालक व ईएमटी पर मुकदमा दर्ज
Shantanu Roy
7 Sep 2022 10:30 AM GMT
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बड़ी खबर
हमीरपुर। जिले में प्रसव पीड़ा से कराहती गर्भवती महिला को एक हजार रुपये न देने पर बीच रास्ते जंगल में उतारने के मामले में अब बड़ी कार्रवाई की गई है। जिलाधिकारी के निर्देश पर गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद एम्बुलेंस चालक और ईएमटी के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस कार्रवाई से एम्बुलेंस सेवा में लगे चालक और ईएमटी में हड़कंप मच गया है। बता दें कि, हमीरपुर जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के भौंरा गांव निवासी उत्तम निषाद की पत्नी रेखा (24) को पिछले दिनों 102 एम्बुलेंस का स्टाफ काल पहुंचने पर गांव पहुंचा था। प्रसव पीड़ा के दर्द से परेशान रेखा को परिजनों के साथ एम्बुलेंस से सरकारी अस्पताल ले जाया जा रहा था।
तभी पंधरी गांव के पास बीच रास्ते में एम्बुलेंस रोककर चालक और ईएमटी ने एक हजार रुपये की डिमांड की। परिजनों के रुपये देने से मना करने पर प्रसूता और उसके परिजनों को एम्बुलेंस से बीच रास्ते जंगल में उतार दिया गया। प्रसूता के साथ गांव की आशा बहु भी थी जिसकी भी एम्बुलेंस स्टाफ ने नहीं सुनी। रेखा प्रसव पीड़ा के दर्द से छटपटाती रही लेकिन एम्बुलेंस स्टाफ का दिल नही पसीजा। परिजनों ने एम्बुलेंस स्टाफ की इस गुंडई से नाराज होकर सड़क पर ही हंगामा किया। मामले की सूचना पर एम्बुलेंस दोबारा आई और काफी देर बाद उसे मौहर गांव के सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया। जहां रेखा ने एक बच्चे को जन्म दिया।
जिलाधिकारी के निर्देश पर पूरे मामले की कराई गई जांच
प्रसूता को बीच रास्ते जंगल में एम्बुलेंस से उतारने के मामले में यहां के जिलाधिकारी डाॅ.सीबी त्रिपाठी ने बड़ा एक्शन लिया। उन्होंने पूरे प्रकरण की जांच कराने के निर्देश दिए। सीएमओ के नेतृत्व में एक जांच कमेटी बनाई गई जिसमें तहसीलदार सदर मुहम्मद असलम, एसीएमओ डाॅ. रामऔतार, जिला स्वास्थ्य अधिकारी अनिल यादव नामित किए गए। सीएमओ डाॅ.एके रावत जांच कमेटी के साथ प्रसूता के गांव पहुंचे और परिजनों से मामले की जानकारी करते हुए बयान दर्ज किए। बताया कि जांच में एम्बुलेंस चालक और ईएमटी दोषी पाए है जिनके खिलाफ एक्शन लिया गया है।
एम्बुलेंस चालक और ईएमटी के खिलाफ केस दर्ज
सीएमओ ने बुधवार को बताया कि पूरे मामले में एम्बुलेंस चालक अभिषेक प्रताप व ईएमटी अजीत कुमार दोषी पाए गए है। बताया कि जांच में प्रसूता और परिजनों ने बयान दिए है कि एक हजार रुपये न देने पर पारा और पंधरी के बीच सुनसान जगह पर प्रसूता और परिजनों को एम्बुलेंस स्टाफ ने उतार दिया और एम्बुलेंस लेकर दोनों चले गए। सीएमओ ने बताया कि इस मामले की जांच के बाद सीएचसी सुमेरपुर के चिकित्साधिकारी डाॅ. परवेज अहमद कादरी ने थाने में तहरीर दी है जिस पर पुलिस ने एम्बुलेंस चालक और ईएमटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
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