उत्तर प्रदेश

भदोही अग्निकांड: मृतकों की संख्या पहुंची 12

Rani Sahu
9 Oct 2022 3:06 PM GMT
भदोही अग्निकांड: मृतकों की संख्या पहुंची 12
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भदोही जिले के औराई में दुर्गा पूजा पंडाल अग्निकांड प्रकरण में मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है। आग की घटना में झुलसे लोगों के जान गंवाने का सिलसिला रुक नहीं रहा है। रविवार को झुलसी दो किशोरियों बॉबी (15) और प्रीति (16) की इलाज के दौरान बीएचयू अस्पताल में मौत हो गई। शनिवार को भी दो लोगों ने दम तोड़ा था। अब तक इस प्रकरण में 12 लोगों की मौत हो चुकी है।
फिलहाल विभिन्न अस्पतालों में झुलसे 70 मरीज भर्ती हैं और 10 की हालत गंभीर बनी हुई है। जिन परिवार के लोग झुलसे हैं, वे चिंतित हो गए हैं। बेहतर उपचार के दावे के बीच बढ़ते मौत के आंकड़ों से लोग सहम गए हैं। दो अक्तूबर की रात पूजा पंडाल में आग लगने से 80 से अधिक लोग झुलस गए थे। पहले दिन पांच लोगों की मौत हुई थी।
पूर्व प्रधान के घर में पांचवी मौत
झुलसे लोगों का बीएचयू ट्रॉमा सेंटर, सर सुंदर लाल अस्पताल और अन्य निजी अस्पतालों में उपचार कराया जा रहा है। डीएम के निर्देश पर हर जगह अधिकारियों की टीम भी लगाई गई है, लेकिन झुलसे लोग एक-एक करके काल कवलित हो रहे हैं। अकेले बारीगांव के पूर्व प्रधान रमापति गौतम के यहां पांच लोगों की मौत हो चुकी है। उनकी पत्नी जयदेवी, बहू सीमा, पौत्र सुजल, नवीन और पौत्री बॉबी ने दम तोड़ दिया है।
इसी तरह औराई निवासी मंजू देवी पत्नी सुरेश विश्वकर्मा, आयोजक के बड़े पिता उपरौठ निवासी शिवपूजन यादव, सेउर निवासी आरती देवी पत्नी जितेंद्र चौबे, सहसेपुर निवासी ढोल वादक राम मूरत गौतम, जेठूपुर चौरा निवासी अंकुश सोनी और पुरुषोत्तमपुर निवासी अशोक यादव की मौत हो चुकी है। अब भी अस्पतालों में 70 लोग जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। इसमें 10 की हालत चिंताजनक बनी है।
पूजा पंडाल अग्निकांड में मृत बच्चों के नाम से शुरू होगी स्कॉलरशिप
पूजा पंडाल अग्निकांड में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। कई अन्य जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। जिलाधिकारी गौरांग राठी खुद इस मामले में नजर बनाये हुए हैं। प्रतिदिन अस्पतालों में पहुंच कर घायलों व परिजनों का हालचाल ले रहे हैं।
हालांकि हादसे की जांच, कार्रवाई, पीड़ितों की सहायता एवं झुलसे बच्चों की पढ़ाई से जुड़े कई सवाल अब तक अनुत्तरित हैं। अमर उजाला से विशेष वार्ता में जिलाधिकारी ने बताया कि अग्निकांड में मृत बच्चों की स्मृति में उनके स्कूल में स्कॉलरशिप शुरू की जाएगी। प्रत्येक वर्ष स्कूल के बहादुर बच्चे को इसका लाभ मिलेगा।
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