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मुजफ्फरनगर। भारतीय रिजर्व बैंक ने दो हजार रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की प्रक्रिया शुरू की तो लोगों के बीच हलचल मच गई। दिनभर बैंकों में दो-दो हजार रुपये के नोट जमा कराने के लिए आवाजाही रही। पहले ही दिन लाखों रुपये जमा हो गए।
आरबीआई के आदेश के बाद शनिवार को बैंकों में उपभोक्ताओं की आवाजाही बढ़ गई। रेलवे रोड स्थित एसबीआई शाखा में दिनभर उपभोक्ता दो हजार रुपये का नोट जमा करने पहुंचे। तितावी, चरथावल, पुरकाजी, बुढ़ाना समेत अन्य स्थानों पर दो-दो हजार रुपये के नोट जमा किए गए। खतौली में सरकारी कार्यालयों में बकाया भुगतान लोगों ने दो हजार रुपये के नोट से ही किया गया।
बुढ़ाना में बैंक ऑफ बड़ौदा के शाखा प्रबंधक अमित सावाई ने बताया कि 38 लाख रूपये जमा हुए। पीएनबी के शाखा प्रबंधक हरेंद्र सिंह ने बताया कि उनकी शाखा में दाे-दो हजार के 13 लाख रुपये जमा हुए। भारतीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक प्रवेश राठी ने बताया कि उनकी शाखा में नौ लाख रुपये जमा हुए। एलडीएम राजीव तिवारी ने बताया कि बैंक शाखाओं में नियमानुसार नोट जमा किए जा रहे हैं। किसी तरह की परेशानी लोगों को नहीं होने दी जा रही है।
पुरकाजी में जमा कराए 11 लाख
पुरकाजी। पीएनबी और एसबीआई में आधार कार्ड के साथ ही दो हजार का नोट जमा किए गए। एसबीआई के शाखा प्रबंधक मुन्ना सिंह ने बताया कि शनिवार को 12 बजे तक करीब पांच लाख रुपये जमा हुए हैं। पीएनबी के शाखा प्रबंधक अजित यादव ने बताया कि करीब छह लाख रुपये जमा हो चुके है।
दो हजार का नोट बंद कर ध्यान भटका रही सरकार
सपा के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा कि भाजपा सरकार श्वेत पत्र जारी करे कि दो हजार के कितने नोट प्रचलन में है। सितंबर तक का समय दिया गया है। अनावश्यक रूप से जनता का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के निर्णय लिए जा रहे हैं। सवाल ये है कि सरकार ने इसे शुरू क्यों किया और बंद क्यों कर रही है। यह सीधे-सीधे सरकार की विफलता है।
रालोद के पुरकाजी विधायक अनिल कुमार का कहना है कि मोदी सरकार नोट बंदी के अलावा कुछ कर ही नहीं पा रही है। अब लोगों को फिर से इसमें उलझा देंगे। मीरापुर विधायक चंदन चौहान का कहना है कि केंद्र की भाजपा सरकार अपनी कमजोरियों को छुपाने के लिए लगातार जनता का ध्यान भटकाती रहती है।
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