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भारत से नेपाल गेहूं नहीं भेजा जाएगा। इस पर अब पाबंदी लगा दी गई है। लेटर ऑफ क्रेडिट के लिए गेहूं के सीपमेंट की अनुमति रहेगी
भारत से नेपाल गेहूं नहीं भेजा जाएगा। इस पर अब पाबंदी लगा दी गई है। लेटर ऑफ क्रेडिट के लिए गेहूं के सीपमेंट की अनुमति रहेगी। वित्त वर्ष 2022-23 में गेहूं का निर्यात 100 लाख (10 मिलियन) टन पार कर जाएगा। अब देश में हालात बदल गए हैं।
एमएसपी से अधिक कीमत में गेहूं की खरीद और पैदावार में कमी के कारण सरकारी खरीद प्रभावित हुई है। सरकार ने अब गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है। बाजार में गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक कीमत पर बिक रहा है।13 मई को डायरेक्टर जनरल आफ फॉरेन ट्रेड ने एक नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि गेहूं के तत्काल प्रभाव से एक्सपोर्ट पर रोक लगाई जा रही है। जिसके बाद सोनौली सीमा पर भारतीय कस्टम ने भारत से नेपाल निर्यात होने वाले गेहूं पर रोक लगा दी है। कस्टम अधीक्षक एसके पटेल ने बताया कि अधिसूचना मिलने के बाद गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी गई है।
सोनौली सीमा पर रोकी गई 20 ट्रकें
भारत सरकार के अधिसूचना जारी होने के बाद शनिवार को नेपाल जाने के लिए पहुंची गेहूं की करीब 20 ट्रक को कस्टम ने रोक दिया है। सोनौली सीमा से प्रतिदिन 40 से पचास ट्रक गेहूं नेपाल जाता है
व्यापारी सोनौली हरिशचंद्र जायसवाल ने बताया कि उनकी गेहूं से लदी 20 ट्रक पास नहीं हुई। प्रतिदिन 40 से पचास ट्रक अन्य व्यापारियों का सोनौली सीमा से नेपाल जाता है। खनुवा बॉर्डर से गेहूं नेपाल जाता है। वहा भी कस्टम अधिकारियों ने गाड़ियां रोक दी है।
Ritisha Jaiswal
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