उत्तर प्रदेश

डीजल जेनरेटर पर पाबंदी से परेशानी बढ़ेगी

Harrison
16 Aug 2023 9:07 AM GMT
डीजल जेनरेटर पर पाबंदी से परेशानी बढ़ेगी
x
उत्तरप्रदेश | डीजल जेनरेटरों पर आश्रित उद्योगों की चिंता फिर से बढ़ रही है. एक अक्तूबर से डीजी जेनेरटर पर फिर से पाबंदी लगने जा रही है. अधूरी तैयारियों के बीच 50 दिन में करीब 10 हजार से ज्यादा उद्योगों के लिए दोहरे ईंधन के जेनरेटर सेट का बंदोबस्त कर पाना मुश्किल साबित होगा.
उद्यमी संगठन को इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड से मिली जानकारी के अनुसार अब तक जिले में 14 सौ 50 उद्योगों को ही पीएनजी कनेक्शन मिल पाए हैं. इनमें नोएडा के 950 और ग्रेटर नोएडा के 500 उद्योगों को ही पीएनजी कनेक्शन मिल पाए हैं. दस हजार से ज्यादा उद्योग पीएनजी कनेक्शन से वंचित हैं. ऐसे में एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को पत्र लिखकर डीजी जनरेटर पर पाबंदी की समय सीमा 31 मार्च 2024 तक बढ़ाने की मांग की है.
एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र नाहटा ने बताया कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के आदेश पर 15 मई 2023 से दिल्ली-एनसीआर में डीजल से चलने वाले डीजी जेनरेटर चलाने पर पाबंदी लगाई गई थी. उद्यमी संगठनों की मांग पर इस समय सीमा को 30 सितंबर तक बढ़ाया गया है.
एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सुरेद्र सिंह नाहटा ने बताया कि एक अक्टूबर तक भी जनपद की सभी औद्योगिक इकाइयों में दोहरे ईंधन से संचालित होने वाले डीजी जेनरेटर स्थापित कर पाना संभव नहीं हो पाएगा. डीजी जनरेटर पर प्रतिबंध लगाए जाने से औद्योगिक उत्पादन पर प्रभाव पड़ेगा. जनपद में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की व्यवस्था नहीं है. साथ ही, पीएनजी गैस आधारित ईंधन के लिए भी पाइप लाइनें नहीं बिछाई गई है. बिना विकल्प तैयार किए प्रतिबंध लगाना लाखों कारीगरों की आजीविका को प्रभावित कर सकता है. ऐसे में पाबंदी लगाने की समय सीमा को 31 मार्च 2024 तक बढ़ाया जाए. ताकि सभी जरूरतमंद इकाईयों में दोहरे ईंधन से संचालित होने वाले डीजी जेनरेटर स्थापित कर लिया जाए.
Next Story