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अयोध्या. प्रदेश के पंचायती राज विभाग के निदेशक अनुज कुमार झा ने रामनगरी में राम जन्मभूमि, हनुमानगढ़ी, कनक भवन और रामाश्रम में दर्शन पूजन किया. उन्होंने कनक भवन के समीप स्थित प्रतिष्ठित पीठ श्रीरामाश्रम गए. जहां उन्होंने घंटाें समय व्यतीत किया. इस दाैरान श्रीरामाश्रम पीठाधीश्वर महंत जयराम दास वेदांती महाराज ने अंगवस्त्र ओढ़ाकर उनका स्वागत किया गया. उनका संताें व अयोध्या (Ayodhya) से बेहद लगाव रहता है. यही कारण है कि रामनगरी बार-बार उन्हें यहां खींच लाती है.
इस समय श्रीरामजन्मभूमि पर रामलला का दिव्य-भव्य मंदिर बन रहा है, जिसका निर्माण कार्य द्रुतगामी गति से चल रहा है. 2024 मकर संक्रांति तक रामलला अपने दिव्य गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे. राममंदिर फैसले के बाद सरकार ने फरवरी 2020 में ट्रस्ट का गठन किया. ट्रस्ट के बाद जो सबसे बड़ी चुनौती थी कि भव्य मंदिर का शिला पूजन और उसका प्राथमिक स्ट्रक्चर तैयार करना था. उस समय हनुमान की भूमिका में अयोध्या (Ayodhya) के जिला अधिकारी अनुज झा यहां मौजूद थे.
उन्होंने बड़ी ही तत्परता से सभी काम पूरा करवाया. इस समय वह पंचायती राज विभाग में निदेशक है. अयोध्या (Ayodhya) दर्शन-पूजन के लिए आए हुए थे. ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने उनका स्वागत किया. साथ ही रामलला के दर्शन-पूजन पश्चात चल रहे मंदिर निर्माण के कार्याें को भी दिखाया. इस दाैरान कार्यदायी संस्था के अधिकारी व इंजीनियर भी माैजूद रहे. दर्शन-पूजन के उपरांत अनुज झा ने श्रीरामाश्रम पीठाधीश्वर महंत जयराम दास महाराज से उनके आश्रम पर भेंट-मुलाकात की. दाेनाें ने एक-दूसरे का कुशलक्षेम जाना.
महंत जयराम दास ने कहा कि श्रीराम आश्रम में चल रहे साधनाश्रम का कुछ समय पूर्व उन्होंने उद्घाटन किया था आज उसका निरीक्षण कर बड़े खुश नजर आए . जब राममंदिर का ऐतिहासिक फैसला आया था. ताे उस समय अनुज झा अयोध्या (Ayodhya) के जिलाधिकारी थे. इनके शासनकाल में पहली बार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रामलला का दर्शन पूजन किया और मंदिर निर्माण की आधारशिला भी रखा था. राष्ट्रपति का भी कार्यक्रम बड़े जोर शोर उत्साह संपन्नता के साथ करवाए थे l तीन दीपोत्सव उन्होंने अपने कार्यशाला में ऐतिहासिक मनाया आज रामलला का भव्य मंदिर बन रहा है.
अयोध्या (Ayodhya) का इतिहास अनुज झा को याद रखेगा. क्याेंकि राममंदिर निर्माण के साथ उनकी यादें जुड़ी हुई हैं. जिस समय अयोध्या (Ayodhya) की स्थिति बिगड़ सकती थी. उस समय झा की सूझबूझ और सामाजिक ताने-बाने से परिंदा भी यहां पर नही मार पाया और अयोध्या (Ayodhya) खुशहाल रही.
( जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।)
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