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उत्तर प्रदेश
'नर्स' का एक और झूठ का हुआ खुलासा, प्राइवेट पार्ट में खुद डाला था लोहे का छह इंच का तार
Shantanu Roy
22 Oct 2022 11:22 AM GMT
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बड़ी खबर
गाजियाबाद। निर्भया कांड जैसी दरिंदगी की झूठी कहानी के मामले में गिरफ्तार तीन आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि हाथ-पैर बांधकर नर्स को बोरी में बंद करके आश्रम रोड पर मास्टरमाइंड आजाद ने रखा था। उसने ही नर्स को बताया था कि जब वह राहगीर को बुलाएगा तो क्या बोलना है। संवाद का बाकायदा अभ्यास कराया गया था। जैसे ही आजाद के कहने पर राहगीर आया, नर्स चिल्लाने लगी- पुलिस को बुलाओ… पुलिस को बुलाओ। आजाद ने पुलिस पूछताछ में बताया कि नर्स ने खुद प्राइवेट पार्ट पर चोट मारी थी और लोहे का छह इंच का तार रखा था। इसे ही लोहे की रॉड बताकर सोशल मीडिया पर मेसेज भेजे गए ताकि लोग घटना को निर्भया कांड जैसा समझ लें।
पुलिस ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के कबीरनगर निवासी प्रोपर्टी डीलर आजाद, नोएडा के बादलपुर के गौरव शर्मा और गाजियाबाद के इस्लामनगर के अफजाल को गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना है कि अफजाल ने सख्ती से पूछने पर पूरी साजिश के बारे में बताया। उसने कहा कि 13 साल से पति से अलग रह रही नर्स से उसकी 12 साल से गहरी दोस्ती है। दोनों ने मिलकर कबीरनगर में 56 लाख का मकान हड़पने की साजिश रची थी। इसके लिए फर्जी दस्तावेज बनाने से लेकर फर्जी केस दर्ज कराने तक के कई प्रयास किए लेकिन सभी असफल रहे। इसके बाद सामूहिक दुष्कर्म की झूठी कहानी बनाई। नर्स ने अपने भाई से नंदग्राम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराकर कहा कि बहन का 16 की रात अपहरण हो गया। दो दिन उसे बंधक बनाकर रखा और 18 की सुबह आश्रम रोड पर बोरी में बंद करके फेंका।
आजाद ने पुलिस को बताया कि वह 17 की रात में नर्स को दिल्ली से अल्टो कार में लेकर आया था। उसे बोरी में बंद किया और राहगीर को बुलाकर कहा कि वह पुलिस को फोन करे। कोई नर्स को पहचान न लेए इसलिए उसने मुंह को ढक रखा था। घटना से पर्दाफाश होने के बाद दिल्ली के लोग एसएसपी से मिलने पहुंचे। लोगों ने कहा कि आजाद दबंग किस्म का व्यक्ति है। उसने कई लोगों को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर लोगों की संपत्ति हड़प रखी है। आजाद और उसके साथियों ने कई लोगों के खिलाफ फर्जी शिकायतें दिल्ली पुलिस को भी दे रखी हैं। झूठी कहानी को निर्भया कांड जैसा पेश करने में दिल्ली की एक महिला पत्रकार की भूमिका रही। उसे इसके लिए आजाद ने पैसे दिए थे। पुलिस का कहना है कि नर्स ने प्राइवेट पार्ट में लोहे का तार खुद रखा था। उसने खुद ही चोट मारी थी ताकि मेडिकल परीक्षण रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हो जाए।
महिला पत्रकार ने प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड डाले जाने का मेसेज कई लोगों को भेजा। इसी के आधार पर दिल्ली महिला आयोग ने गाजियाबाद के एसएसपी को नोटिस दिया था जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा। नर्स को अस्पताल से छुट्टी मिलते ही गिरफ्तार किया जा सकता है। अस्पताल के बाहर चार पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए हैं, जो नर्स पर नजर रखे हुए हैं। पुलिस को इस मामले में विधि विज्ञान प्रयोगशाला से रिपोर्ट आने का इंतजार है। आजाद ने पुलिस को गुमराह करने के लिए नर्स से उसका मोबाइल फोन ले लिया था और दो दिन तक अलग-अलग लोकेशन पर ले जाकर फोन ऑन ऑफ करता रहा। इस कारण महिला की कई लोकेशन मिली। 17 अक्तूबर को कबीरनगर में भी एक बार मोबाइल फोन ऑन हुआ था। आखिरी लोकेशन उसकी अर्थला में मिली थी। एसएसपी मुनिराज ने बताया कि 16 अक्तूबर की रात नर्स ऑटो से अपने घर पहुंची थी और 17 अक्तूबर की देर रात घर से निकलकर आजाद व अन्यों के साथ आई थी। इसकी उन्हें सीसीटीवी फुटेज मिली है। आजाद ने ही दिल्ली की महिला पत्रकार को वीडियो बनाकर वायरल करने के लिए भेजी थी। इसके लिए उसने पांच हजार रुपये पेटीएम ले भेजे। इसके सारे साक्ष्य आजाद के मोबाइल फोन से मिले हैं। पत्रकार की भूमिका के बारे में जांच की जा रही है।
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