उत्तर प्रदेश

जयकारों बीच मां के दरबार में सांगों का हैरतअंगेज प्रदर्शन

Admin4
4 Oct 2022 6:07 PM GMT
जयकारों बीच मां के दरबार में सांगों का हैरतअंगेज प्रदर्शन
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बुंदेलखंड की संस्कृति यहां की अनूठी परंपराओं के कारण आज भी जीवंत है। यही कारण है बुंदेलखंड की न सिर्फ अपने प्रदेश बल्कि पूरे भारत में अलग पहचान है। मान्यता है कि शारदीय नवरात्र पर भक्त मां से जो भी कामना करते हैं वह अवश्य ही पूरी होती है। इसलिए मां के भक्त भी दाती के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने में कोई कमी नहीं रखते।

नवरात्र की महाअष्टमी और महानवमी के दिन मां के भक्तों ने लोहे की सांग अपने गले, गाल और होठों में छेदकर मां भगवती के प्रति आस्था का प्रदर्शन किया। वहीं इसके बाद महिलाओं ने जवारा विसर्जन करके नवरात्र महोत्सव का समापन किया। बुंदेलखंड में शारदीय नवरात्र का पर्व जिस श्रद्धा और आस्था के यहां मनाया जाता है वैसा उदाहरण कहीं और जल्दी से देखने को नहीं मिलता। केंद्रीय नवदुर्गा पूजा महोत्सव समिति के अनुसार शहर में करीब ढाई सैकड़ा से अधिक देवी प्रतिमाओं की स्थापना की गई हैं। नवरात्रि महोत्सव के दौरान देवी पांडालों और मंदिरों में होने वाली देवी भक्तों की भीड़ के साथ ही सांगों का अद्भुत प्रदर्शन काबिले तारीफ होता है।

महाष्टमी की रात से शुरू होने वाले सांग प्रदर्शन का कार्यक्रम देख लोग दांतों तले अंगुलियां दबा लेते हैं। यहां बुजुर्ग 50 से 60 किलोग्राम तक की सांग मां का एक जयकारा बोलकर अपने गालों में ऐसे भेद लेते हैं जैसे कुछ हुआ ही न हो। मां के इन भक्तों में किशोर वर्ग भी शामिल होता है, जिनकी उम्र बमुश्किल 8 से 15 वर्ष के बीच होती है। यह बच्चे 20 से 25 किलो तक की सांग हंसते-हंसते गाल और गले में न केवल छेद लेते हैं बल्कि मां का जयकारा बोलते हुए महेश्वरी देवी चौक में ढोल और नगाड़ों की थाप पर नृत्य का अद्भुत प्रदर्शन भी करते हैं।

सोमवार की देर शाम से शुरू हुआ सांगों का अद्भुत प्रदर्शन मंगलवार की दोपहर तक चलता रहा। सुरक्षा व्यवस्था के लिए भारी मात्रा में पुलिस फोर्स यहां तैनात किया गया था। शहर कोतवाल श्यामबाबू शुक्ला स्वयं महेश्वरी देवी मंदिर में मौजूद रहकर शांति व्यवस्था पर अपनी नजर बनाए रहे।

न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar

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