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प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट (allahabad high court) ने नालों की सफाई में लगे कर्मचारियों को जीवन रक्षक उपकरण मुहैया न कराने के मामले में सोमवार को सुनवाई की। हाई कोर्ट ने ठोस कचरा निस्तारण और नालों की सफाई की मौजूदा व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने कहा कि जो वर्तमान में व्यवस्था है, वह नगर निगमों (nagar nigam), नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में ठोस कचरे और गंदे पानी के निस्तारण के लिए नाकाफी है। इसे अपग्रेड किए जाने की जरूरत है।
कोर्ट ने इस पर सरकार का पक्ष जाना। कोर्ट ने कहा कि सरकार यह बताए कि वह इन समस्याओं के निस्तारण के लिए निगमों को कैसे अपग्रेड कर रही है। इसका वह रोडमैप तैयार कर अगली सुनवाई पर पेश करे। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 11 अगस्त की तिथि लगाई है।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश कुमार बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने नगर निगम प्रयागराज को इस संदर्भ में विशेष निर्देश दिया। सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट में डीएम संजय कुमार खत्री और नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग पेश थे। न्यायमित्र राजीव लोचन शुक्ल ने कोर्ट के पिछले आदेश का हवाला दिया। कहा कि व्यवस्था नकाफी होने से बारिश शुरू होते ही लोगों की परेशानियां बढ़ गईं हैं। ड्रेनेज सिस्टम पूरी और सही तरह से काम नहीं कर रहे हैं।
कोर्ट ने प्रयागराज नगर निगम का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी व विभू राय से कूड़ा निस्तारण प्रबंधन और नाला सफाई की क्षमता जानी और कहा कि यह तो नाकाफी है। इसे अपग्रेड किए जाने की जरूरत है। कोर्ट ने डीएम को इस संदर्भ में निगरानी करने और उचित प्रबंध करने का निर्देश दिया।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश कुमार बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने नगर निगम प्रयागराज को इस संदर्भ में विशेष निर्देश दिया। सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट में डीएम संजय कुमार खत्री और नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग पेश थे। न्यायमित्र राजीव लोचन शुक्ल ने कोर्ट के पिछले आदेश का हवाला दिया। कहा कि व्यवस्था नकाफी होने से बारिश शुरू होते ही लोगों की परेशानियां बढ़ गईं हैं। ड्रेनेज सिस्टम पूरी और सही तरह से काम नहीं कर रहे हैं।
कोर्ट ने प्रयागराज नगर निगम का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी व विभू राय से कूड़ा निस्तारण प्रबंधन और नाला सफाई की क्षमता जानी और कहा कि यह तो नाकाफी है। इसे अपग्रेड किए जाने की जरूरत है। कोर्ट ने डीएम को इस संदर्भ में निगरानी करने और उचित प्रबंध करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने कहा कि प्रयागराज, वाराणसी जैसे शहर धार्मिक महत्व के हैं। यहां रोजाना हजारों की संख्या में देश दुनिया से लोग पहुंच रहे हैं। ऐसे में साफ-सफाई की व्यवस्था को लेकर अधिक दबाव है। इसलिए प्रबंधन सिस्टम को और अधिक व्यापक और अपग्रेड किए जाने की जरूरत है। कोर्ट ने सरकार का पक्ष रख रहे अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही प्रदेश के सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिया कि वह कचरा निस्तारण और गंदे पानी के निकासी के लिए की गई व्यवस्था की निगरानी कर रिपोर्ट तैयार करें और कोर्ट को प्रस्तुत करें।