उत्तर प्रदेश

उत्तरप्रदेश में वायरस को लेकर अलर्ट, 21 जिलों में 12 हजार से ज्यादा केस आए सामने, 85 पशुओं की मौत

Rani Sahu
30 Aug 2022 8:33 AM GMT
उत्तरप्रदेश में वायरस को लेकर अलर्ट, 21 जिलों में 12 हजार से ज्यादा केस आए सामने, 85 पशुओं की मौत
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उत्तरप्रदेश में वायरस को लेकर अलर्ट
लखनऊ। उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में इस समय पशुओं में आए वायरस लंपी बीमारी का प्रकोप फैला हुआ है। खसकर यह बीमारी दूधारु पशुओं में पाई जा रही है। अब तक उत्तर प्रदेश में 21 जिलों के अंदर 12 हजार से ज्यादा केस सामने आए हैं । जिसमें 85 पशुओं की मौत भी दर्ज की गई है । पशुओं में लंपी वायरस से फैलने वाली बीमारी क्या है। इसको जानना व जागरूक होना जरूरी है ।
अयोध्या जिले की कुमारगंज स्थित आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ़ वेटरनरी साइंस के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विभा यादव ने इस पर रिसर्च किया है। उनका कहना है कि लंपी वायरस डिजीज मवेशियों में होने वाले संक्रामक वायरस है। जो ज्यादातर गायों में हो रही है। भैसों में न के बराबर की सूचना है। इसका प्रमुख लक्षण मवेशी के नाक व मुंह से पानी व लार का गिरना होता है। गाय को तेज बुखार रहता है और यह भोजन छोड़ देती हैं । पशुओं के चमड़ी के नीचे छोटे छोटे दाने हो जाते हैं। तेज बुखार के साथ वह दाने घाव का रूप ले लेते हैं। यह ज्यादातर मुंह, गर्दन, मलाशय, योनि में पाए जाते हैं और इन जो कुछ समय बाद बड़े होकर घाव से पानी बहने लगता है।
यदि किसी मवेशी में लंपी स्किन डिजीज का वायरस पाया जाता है। तो ऐसे में सबसे पहले इसकी सूचना नजदीकी पशु चिकित्सालय में देनी चाहिए। साथ ही तुरंत स्वस्थ पशुओं से इन पशुओं को अलग कर दिया जाना चाहिए। वहां पर साफ सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए। जिससे मक्खी और मच्छर उन मवेशियों पर नही बैठे। क्योंकि बीमार मवेशियों पर मक्खी और मच्छर के माध्यम से स्वस्थ पशुओं में भी यह बीमारी फैल सकती है।
इसके अलावा इसका जो मुख्य बचाओ है वह टीकाकरण है। पशुओं का टीकाकरण जरूर कराया जाना चाहिए। क्योंकि इस बीमारी में बचाव ही इलाज है। हालांकि लक्षण के अनुसार एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा अन्य दवाओं का भी प्रयोग किया जाता है। जिससे मवेशी को इस बीमारी से बचाया जा सके । यदि कोई बीमार पशु की मृत्यु होती है। तो उसको उचित स्थान पर गहरा गड्ढा करके उस गड्ढे में दफनाते वक्त पशु के ऊपर चूना डालकर तब मिट्टी डाली जानी चाहिए। जिससे उसका संक्रमण न फैल सके ।
Rani Sahu

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