उत्तर प्रदेश

UP में मंकी पॉक्स को लेकर अलर्ट जारी, विदेश से लौटे लोगों की होगी स्क्रीनिंग

Shantanu Roy
24 July 2022 9:26 AM GMT
UP में मंकी पॉक्स को लेकर अलर्ट जारी, विदेश से लौटे लोगों की होगी स्क्रीनिंग
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लखनऊः जहां पूरी दुनिया अभी कोरोना संक्रमण से संभल भी नहीं पाई कि नए वायरस मंकी पॉक्स ने दस्तक दे दी है। जिसे लेकर प्रदेश सरकार एलर्ट हो गई है। उत्तर प्रदेश प्रदेश सरकार ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि विदेश से लौटने वाले लोगों की स्क्रीनिंग टेस्ट कराई जाए। फिलहाल भारत में पहला मरीज केरल में मिला है जो कि अभी हाल ही में विदेश लौटा है। जो कि भारत सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है जिसके चलते सरकार ने कहा है कि 21 दिनों के भीतर विदेश यात्रा से लौटे लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी। लक्षण के आधार पर संदिग्ध मरीजों की जांच कराई जाएगी। साथ ही सभी को इसे लेकर पर्याप्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

सरकार द्वारा देश के हर एयरपोर्ट पर इसे लेकर जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। लोगों को इसके लक्षणों के बारे में बताया जा रहा है। यह चेचक या चिकन पॉक्स की तरह दिखाई देता है। इसी कड़ी में संदिग्ध मरीजों के सैंपल एकत्र कर, जांच के लिए सैंपल नई दिल्ली स्थित नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल को भेजे जाएंगे। इस के अलावा रोगी के संपर्क में आने वाले लोगों की भी जांच की जाएगी। वही मंकिपॉक्स के पूरी दुनिया में 11 हज़ार से अधिक मामले सामने चुके है।
क्या है मंकी पॉक्स?
मंकीपॉक्स जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस है। 1958 में यह पहली बार शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। इस वायरस का पहला मामला 1970 में रिपोर्ट किया गया है। इसमें चेचक के रोगियों जैसे लक्षण होते हैं। इसका कोई सटीक इलाज नहीं है। वही इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि इस के संक्रमण से बचाव के लिए सावधान रहने की जरूरत है।
कैसे फैलता है यह वायरस?
मंकीपॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के निकट संपर्क में आने से या वायरस से दूषित सामग्री के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है। इसलिए इससे बचाव के लिए संक्रमित व्यक्ति या जानवर से दूरी बनाना अनिवार्य है। यह चूहों, चूहियों और गिलहरियों जैसे जानवरों से फैलता है।
जानें क्या हैं लक्षण
मंकी पॉक्स वायरस त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।
संक्रमित जानवर के काटने या उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ या फिर उसको छूने से हो सकता है।
मंकी पॉक्स संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी हो सकता है।
मंकीपॉक्स के लक्षण बुखार, दाने और सूजी हुई लिम्फ नोड्स हैं और इससे कई तरह की मेडिकल कॉम्प्लिकेशन्स हो सकती हैं।
जाने क्या है इलाज
मंकीपॉक्स आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह तक रहता है। जिसका इलाज चेचक के समान किया जाता है। यह वायरस चेचक की तुलना में कम संक्रामक और कम गंभीर होता है।इसका कोई खास इलाज नही है पर फिर भी चेचक के टीके भी मंकीपॉक्स से सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम होते है।
Shantanu Roy

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