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उत्तर प्रदेश
अखिलेश बोले- चंद बड़े लोगों को लाभ पहुंचाने वाला बजट, जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी सरकार
Admin4
1 Feb 2023 7:46 AM GMT
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लखनऊ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2023-24 के लिए बजट की घोषणा की। बजट में किसानों की सुविधा के लिए डिजिटल सार्वजनिक और इंफ्रास्ट्रक्टर प्लेटफॉर्म, कृषि स्टार्टअप, पादप संरक्षण, कृषि सामग्री और परामर्श आदि की सुविधाओं का प्रावधान किया गया है। वहीं इसे लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तंज कसा है।
भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी।भाजपाई बजट महंगाई व बेरोज़गारी को और बढ़ाता है। किसान, मज़दूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुँचाने के लिए बनता है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 1, 2023
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी। भाजपाई बजट महंगाई व बेरोजगारी को और बढ़ाता है। किसान, मजदूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए बनते हैं।
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 2023-24 आम बजट की घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों की सुविधा के लिए डिजिटल सार्वजनिक और इंफ्रास्ट्रक्टर प्लेटफॉर्म शुरू करने की बजट 2023-24 में घोषणा की। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यह प्लेटफॉर्म ओपन सोर्स पर आधारित होगा और समावेशी होगा। इस पर किसानों के लिए पादप संरक्षण, कृषि सामग्री और परामर्श आदि की सुविधाएं जुटाने में आसानी होगी। वित्त मंत्री कृषि स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए एक अलग विशेष कोर्स बनाने की घोषणा की। बजट में ई-अदालतों के गठन का तीसरे चरण शुरू करने के लिए 7,000 करोड़ रुपये का प्रावधान।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि बुनियादी ढांचा विकास के लिए बढ़ाया गया 10 लाख करोड़ का खर्च जीडीपी का 3.3 प्रतिशत किया गया। ठेकों से जुड़े विवादों के निपटान के लिये स्वैच्छिक समाधान योजना लायी जाएगी। राज्यों और शहरों को नगरीय योजना बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। मोटे अनाजों को 'श्री अन्न' का नाम दिया जाएगा, भारत को वैश्विक केंद्र बनाने के लिए हैदराबाद स्थित उत्कृष्टता केंद्र काम करेगा। केंद्र राज्य सरकारों को एक और साल तक 50 साल के लिए ब्याज रहित ऋण देना जारी रखेगा। रेलवे में 2.40 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है।
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