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अमेठी। दुर्घटना व घटना में मौत होने पर पीड़ित परिवार को पोस्टमार्टम हाउस से शव सीधे अपने घर ले जाने के लिए निर्धारित प्रारूप पर सहमति पत्र देना अनिवार्य कर दिया गया है। हाईकोर्ट के आदेश पर प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए नए नियम को राज्यपाल ने मंजूरी देकर सरकारी गजट में शामिल कर दिया। एसपी ने सभी थानों को भेजते हुए पालन कराए जाने का निर्देश दिया है। एसपी डॉ. इलामारन जी. ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश भेजते हुए नए कानून का अपने क्षेत्र में कड़ाई से पालन कराए जाने का निर्देश दिया है। कहा है कि अब जिले के किसी भी थाना क्षेत्र में दुर्घटना व किसी आपराधिक घटना में मौत होने पर पोस्टमॉर्टम हाउस पर ही पीड़ित परिवार से निर्धारित प्रारूप पर इस बात का सहमति पत्र भरवा लेंगे कि वे शव को पीएम हाउस से सीधे अपने घर तथा वहां से रीति रिवाज के अनुसार दाह संस्कार के लिए ले जाएंगे।
मालूम रहे कि किसी दुर्घटना व घटना में मौत होने पर पोस्टमॉर्टम होने के बाद पीड़ित परिवार की ओर से शव को घर ले जाने के बजाए उसे क्षेत्र के मुख्य मार्ग व सार्वजनिक स्थलों पर रखकर प्रदर्शन करने का चलन काफी दिनों से पूरे प्रदेश में हावी हो गया था। मुख्य मार्ग पर जाम लगाने से आवागमन पूरी तरह प्रभावित हो जाता था। इस पर दायर एक जनहित याचिका में उच्च न्यायालय लखनऊ बेंच ने एक आदेश पारित करते हुए राज्य सरकार को इस पर कानून बनाने को कहा था। न्यायालय के आदेश पर प्रदेश सरकार ने इस पर एक नया कानून बनाकर राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेज दिया था। राज्यपाल ने 15 सितंबर को बनाए गए नए कानून को सरकारी गजट में शामिल करते हुए मंजूरी दे दी। सरकार द्वारा बनाए गए नए कानून में पोस्टमॉर्टम के बाद शव एंबुलेंस/शव वाहन में भेजा जाता है तो उसमें मृतक परिवार के कम से कम दो सदस्य जरूर बैठाए जाएंगे। यदि परिजन मौजूद नहीं हों या फिर उन्हेें आने में देरी हो रही हो तो डीएम व एसपी द्वारा नामित दो पुलिस/ राजस्व कर्मी उस वाहन में बैठाए जाएंगे। मृतक परिवार से दाह संस्कार न्यूनतम अवधि में करने की अपेक्षा कर लें।
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