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मौत के बाद खुला डिग्री का राज, कंपाउंडर चला रहा था हॉस्पिटल
जिले के मलपुरा रोड पर स्थित जिस हॉस्पिटल (R.Madhuraj Hospital) में आग लगी थी, उसको चलाने वाला कोई डॉक्टर नहीं बल्कि एक कंपाउंडर था. बीए पास राजन ने कई हॉस्पिटल में पहले कंपाउंडर का काम किया और उसके बाद अपना हॉस्पिटल खोल लिया था, और यह अस्पताल डॉक्टर ईशु शर्मा के नाम पर रजिस्टर्ड था.
संचालक की मौत के बाद खुला डिग्री का राज
बता दें, आगरा के मलपुरा रोड पर स्थित आर मधुराज हॉस्पिटल में बुधवार सुबह तड़के आग लग गई. जिसकी वजह से हॉस्पिटल के अंदर संचालक और उनके बेटा-बेटी की दम घुटने से मौत हो गई. घटना के बाद पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए. इसके बाद से ही अस्पताल की जांच पड़ताल भी स्वास्थ विभाग ने शुरू कर दी, जिसमें जानकारी मिली कि हॉस्पिटल को चलाने वाले संचालक राजन कोई डॉक्टर नहीं हैं और ना ही उनके पास कोई भी मेडिकल की डिग्री है.
संचालक को डॉक्टर समझते थे लोग
संचालक राजन के पिता गोपीचंद ने बताया कि राजन ने बीए पास किया है, और उसके बाद वह कई अस्पतालों में कंपाउंडर के पद पर तैनात रहा है. इसके बाद उसने आर मधुराज के नाम से खुद का अस्पताल खोल लिया. दरअसल, आर मधुराज हॉस्पिटल में लगे बैनर पर डॉ राजन नाम लिखा हुआ है और आसपास के लोग भी संचालक को डॉ राजन कहकर बुलाते थे. ऐसे में अस्पताल में आने वाले तीमारदार भी उन्हें डॉक्टर समझते थे.
राजन बेटा-बेटी को बनाना चाहते थे डॉक्टर और इंजीनियर
अस्पताल के संचालक राजन सिंह खुद डॉक्टर नहीं बन पाए, लेकिन अपनी ख्वाहिश उन्होंने अस्पताल बनाकर पूरी कर ली. ऐसे में अब वह अपने बेटा और बेटी को डॉक्टर इंजीनियर बनाना चाहते थे. कई साल तक कंपाउंडर की नौकरी करने के बाद संचालक राजन ने 2016 में घर के पास 400 वर्ग गज जमीन ली, जिसमें आवास और अस्पताल दोनों बनवाएं.