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नगर निगम की लापरवाही से बढ़ रहे हादसे, सड़कों से गलियों तक आवारा पशुओं का आतंक
प्रयागराज जिला स्मार्ट सिटी में शुमार है ऐसे में ज़िले के आवारा पशु भी स्मार्ट नजर आ रहे है। हालाकि सुनने मे आपको ये अजीब सा लगे लेकिन हकीकत य़ह है कि सड़कों और गलियों मे आवारा पशुओं का आतंक देखने को मिल रहा है । सड़कों पर आवारा पशुओं जैसे गाय, भैंस और सांड़ की संख्या बढ़ती जा रही है। शहर में आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या लोगों के लिए सिरदर्द और जान को खतरा बन रही है। मेन रोड ही नहीं बल्कि हर गली मोहल्ले में आवारा पशुओं का आतंक है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है। ऐसे में कभी किसी के साथ हादसा हुआ तो फिर जिम्मेदारों का जवाब देना भारी पड़ेगा। शहर हो या गांव आवारा पशुओं का आतंक हर जगह देखने को मिल रहा है।
देखा जाए तो शहर के निचले और घने इलाकों में सबसे ज्यादा आवारा पशु नजर आते हैं कारण चाहे जो भी हो। अल्लापुर, मुटठीगंज, चौखंडी, कीडगंज, सलोरी, बघाड़ा, करेली, चकिया, बेनीगंज, गऊघाट, साउथ मलाका आदि एरिया में सबसे ज्यादा आवारा जानवर मिल जाएंगे। जिन एरिया में सब्जी या फल मंडी लगती है वहां भी सबसे ज्यादा आवारा पशु मिलते हैं। इन एरिया में आए दिन अप्रिय घटनाएं भी होती हैं।
शहर में सबसे ज्यादा आवारा गौवंश और आवारा कुत्ते
आवारा पशुओं की बात करें तो शहर में सबसे ज्यादा आवारा गौवंश और आवारा कुत्ते हैं। हालाकि कई इलाकों मे लोगों ने गाय पाल रखी हैं, लेकिन अधिकांश लोग दूध निकालने के बाद गायों को डंडा मारकर सड़क पर इधर-उधर चारे के लिए मुंह मारने को छोड़ देते हैं। सड़क और सार्वजनिक स्थलों पर मंडराते आवारा पशु लोगों की जान के लिए खतरा बन गए हैं। सब्जी मंडी में सांडों का आतंक इस कदर है कि लोग सब्जी खरीदने के लिए आने से कतरा रहे हैं।
इसी प्रकार गली मोहल्लों में भी आवारा पशुओं का जमावड़ा रहता है। आवारा पशु झुंड में रहते हैं जो किसी पर अटैक करें तो बचना मुश्किल है। दूसरी ओर कुत्तों का आंतक हर गली मोहल्ले में है। इधर लोगों का कहना है कि शहर में बढ़ते आवारा पशु लोगों की जान के लिए बड़ा खतरा है। आवारा पशुओं को पकड़कर गोशाला या जंगल में छोड़ने की ड्यूटी नगर परिषद की है लेकिन नगर परिषद की लापरवाही से शहर में आवारा जानवर दिन पे दिन बढ़ रहे हैं।
बारिश के चलते आवारा पशु की संख्या ज्यादा
जिम्मेदारों की बात माने तो बारिश के चलते आवारा पशु की संख्या ज्यादा है। नगर निगम के पशुधन अधिकारी डॉक्टर विजय अमृतराज का कहना है कि आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए टीम गठित की गई है और अभियान भी लगातार चलाया जा रहा है। हालांकि यह सिर्फ एक जगह की ही समस्या न बनकर पूरे शहर की समस्या बन चुकी है। कई बार तो ये पशु अचानक वाहनों के सामने आ जाते हैं जिससे वाहन चालक अपना संतुलन खो बैठता है और दुर्घटना का शिकार हो जाता है।
न्यूज़क्रेडिट: newstrack