उत्तर प्रदेश

स्टांप डॺूटी में गड़बड़ी के शक पर 33 हजार दुकानों की जांच होगी, किरायानामा रजिस्टर्ड न होने की शिकायत

Harrison
29 Aug 2023 6:34 AM GMT
स्टांप डॺूटी में गड़बड़ी के शक पर 33 हजार दुकानों की जांच होगी, किरायानामा रजिस्टर्ड न होने की शिकायत
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उत्तरप्रदेश | निबंधन एवं राजस्व विभाग शहर में चल रहीं 33 हजार दुकानों के किरायानामा में इस्तेमाल की गई स्टांप ड्यूटी की जांच करेगा. गड़बड़ी होने के शक पर जिला प्रशासन ने नगर निगम से इन दुकानों का डाटा मांगा है. ये वे दुकानें हैं जो नगर निगम के सर्वे में सामने आई हैं और निगम इनसे टैक्स वसूलने की तैयारी कर रहा है.
दरअसल, किराये पर दी जाने वाली किसी भी संपत्ति के लिए किरायानामा कराने का प्रावधान है. इसमें संपत्ति मालिक और किरायेदार के बीच जो किराया तय होता है,उसके पांच फीसदी स्टांप शुल्क पर किरायानामा रजिस्टर्ड कराया जाता है. इससे प्रशासन को राजस्व की प्राप्ति होती है. बड़ी संख्या में लोग स्टांप ड्यूटी बचाने के चक्कर में किरायानामा को पंजीकृत नहीं कराते. अक्सर मात्र 100 रुपये के स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर कराकर पूरी कार्रवाई कर ली जाती है. जबकि किसी न्यायालय में विवाद के दौरान केवल पंजीकृत किरायानामा ही मान्य होता है. नियम यह है कि किराए पर दी गई संपत्ति का किरायानामा पंजीकृत जरुरी है.
एडीएम वित्त विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि नगर निगम ने हाल ही में सर्वे कराया है. इनमें पाया गया है कि शहर में 33 हजार ऐसी दुकानें और शोरूम हैं जो आवासीय क्षेत्र में बना दिए गए और उनपर टैक्स नहीं लगा. अब नगर निगम इन दुकानों पर कमर्शियल टैक्स वसूलने की तैयारी कर रहा है. नगर निगम के अधिकारियों से इन संपत्ति का डाटा लेकर पता लगवाया जाएगी कि कौन सी संपत्ति किराए पर दी गई है. जो संपत्ति किराये पर है उसकी किरायानामा पंजीकृत कराया है या नहीं. यदि किरायानामा पंजीकृत नहीं कराया है तो उन संपत्ति मालिकों को नोटिस भेजा जाएगा. एडीएम के मुताबिक बिना पंजीकृत किरायानामा के किसी भी संपत्ति को किराये पर देना गलत है.
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